पूर्णिया/विकास कुमार झा
जिले में कई अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है जिनमे आउटसोर्सिंग के तहत एनजीओ को कार्य दिया गया है। यह एनजीओ सरकारी बाबुओं के साथ मिलकर बिना कार्य किये रुपये का आपस मे बंदरबाट कर रहे है।
जिले के भावनीपुर प्रखंण्ड के अकबरपुर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में विगत तीन वर्षों से जेनरेटर बंद पड़ा है वही हर माह इसे चालू दिखाकर एनजीओ के नाम पर बिल बनाया जा रहा है। जिससे यह साफ जाहिर हो रही है किस तरह सरकार के पैसों का दुरपयोग किया जा रहा है। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अकबरपुर में एक भी डॉक्टर पदस्थापित नहीं है। सिर्फ एक एएनएम सरिता कुमारी के भरोसे यह केंद्र चल रहा है। स्वास्थ्य केंद्र में हमेशा ताला लटका रहता है वही एएनएम घूम घूम कर अपना कार्य करती है। जिस वजह से न स्वास्थ्य केंद्र की साफ सफाई होती है और न ही जेनरेटर का कभी कोई उपयोग होता है। ऐसे में आउटसोर्सिंग कार्य का कोई औचित्य ही नहीं बनता है।
वहीं बताया जाता है कि स्वास्थ्य केंद्र के आउटसोर्सिंग का ठेका एनजीओ चेतन बिहार को दिया गया है, जिसका संचालक की राजनीति पहुँच भी है। जिस वजह से वह हर माह बिना कार्य के बिल का भुगतना किया जा रहा है। वही इस मामले में भवानीपुर समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी नवीन उपरौझिया की भूमिका भी संदिग्ध है। उनके द्वारा कारवाई तो दूर की बात है, एनजीओ संचालक की कार्यप्रणाली की जांच भी नहीं कर पाए चिकित्सा पदाधिकारी नवीन उपरौझिया।
अब सवाल उठता है किया कोई अपने रसूख का धौंस जमाकर इस तरह से सरकारी राशि का दुरपयोग कर सकता है। किया है मामला अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अकबरपुर में पदस्थापित एएनएम सरिता कुमारी ने बताया कि यहाँ जेनरेटर 3 साल से नहीं चला है, जेनरेटर का कोई काम भी नहीं पड़ता है। उन्होंने बताया कि चेतन बिहार नामक एनजीओ को कोई कार्य मिला हुआ है। वही समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भवानीपुर के चिकित्सा पदाधिकारी नवीन उपरौझिया से जब इस मामले में उनका पक्ष जानने के लिए फ़ोन से संपर्क करने की कोशिश किए तो उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया।