डेस्क : मैं अक्सर ओला और उबर का इस्तेमाल करता हूं। कई लोगों को कैब बुक करते समय परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार कैब बुक करने के बाद ड्राइवर नहीं आता है या कई बार अपने आने में देरी करता है, लेकिन अब कंपनी के ड्राइवर को यह करना पड़ता है। उबर ने तब से यात्रियों पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। अब आप भी सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हुआ, तो आइए जानते हैं।
पूरी बात क्या है :
पूरी बात क्या है : ये पूरा मामला मुंबई का है. इधर, महिला को चेन्नई के लिए फ्लाइट लेनी थी, इसलिए महिला यात्री ने समय के अनुसार कैब बुक कर ली थी। हालांकि, ड्राइवर ने कैब बुक कर यात्रा शुरू नहीं की। वे फोन पर बात करते रहे और फोन पर बात करने के बाद ही यात्रा शुरू की। इससे महिला को काफी देर हो गई। साथ ही महिला को कैब में बिठाने के बाद चालक ने सीएनजी भर दी। यही वजह रही कि महिला को एयरपोर्ट पहुंचने में देर हो गई।
एयरपोर्ट पर देर से पहुंचने के कारण महिला की फ्लाइट छूट गई। साथ ही उबर ने महिला से ज्यादा किराया लिया। महिला यात्री ने जब कैब बुक की तो किराया 563 रुपए दिखा। जहां सवारी पूरी होने पर किराया 703 रुपए दिखने लगा। हालांकि, महिला ने भुगतान किया। शिकायत के बाद उबर ने बाद में 139 का रिफंड किया। महिला पेशे से वकील थी, इसलिए उसने अपनी शिकायत के साथ मुंबई कंज्यूमर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
मुंबई कंज्यूमर कोर्ट ने जब अपना फैसला सुनाया तो हर कोई हैरान रह गया. कोर्ट ने उबर को महिला को आर्थिक नुकसान के लिए 10,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया। जबकि महिला को मानसिक तनाव के लिए 10 हजार रुपये देने को कहा गया। रुपये में हर्जाना देने को कहा। यह पहली बार नहीं है जब किसी कैब कंपनी को देरी से बकाया का भुगतान करना पड़ा है। ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है।
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