डेस्क : पतंजलि ग्रुप की 4 कंपनियों के आईपीओ लाने का ऐलान योगगुरु रामदेव ने किया है। इसके साथ ही पहले से ही उन्होंने लिस्टेड कंपनी पतंजलि फूड्स लिमिटेड को लेकर अपनी प्लानिंग के बारे में भी जानकारी दी है। जो प्लानिंग रामदेव की है वो कहीं ना कहीं गौतम अडानी समूह के लिए एक चुनौती बन सकती है। आइए समझते हैं कि कैसे?
पतंजलि समूह ने पाम आयॅल के मामले में आत्मनिर्भर बनने के लिए 15 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन में पाम के पेड़ लगाने का ऐलान किया है। 11 राज्यों के 55 जिलों में ये पेड़ लगाए जाएंगे। पतंजलि का दावा है कि यह भारत की किसी कंपनी द्वारा सबसे बड़ी पाम की खेती होगी। 5 से 7 वर्षों में इससे करीब 2 हजार करोड़ रुपये का सालाना रिटर्न कमाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वहीं, एक बार पाम के पेड़ के लग जाने के बाद आने वाले 40 वर्षों तक कमाई होगी।
कंपनी ने बयान में बताया कि खाद्य तेल के मामले में इससे देश आत्मनिर्भर हो सकेगा और आयात की वजह से खर्च होने वाले विदेशी मुद्रा की बचत भी होगी। पतंजलि का अनुमान है कि करीब 3 लाख करोड़ रुपये तक की विदेशी मुद्रा बच जाएगी। डॉलर के मुकाबले इससे रुपया को बूस्ट भी मिलेगा।
आपको बता दें कि खाने के तेल की दो बड़ी कंपनियां रिटेल मार्केट में जो कि गौतम अडानी की अडानी विल्मर और रामदेव की पतंजलि फूड्स लिमिटेड है। अडानी विल्मर पतंजलि समूह के इस कंपनी की सबसे बड़ी प्रतिद्वंदी है।ये दोनों कंपनियां हर घर के किचन में किसी ना किसी बहाने जगह बनाने वाली शेयर मार्केट में भी लिस्टेड हैं। आपको बता दें कि अब दुनिया के दूसरे सबसे रईस अरबपति अडानी विल्मर के मुखिया गौतम अडानी बन गए हैं।