न्यूज डेस्क: देश में इन दिनों प्लास्टिक बैन है। हालांकि लोकल मार्केट में अभी भी लोग प्लास्टिक का उपयोग करते पाए जाते हैं। लेकिन सरकार इसे पूर्णतः बंद करने की दिशा में हर संभव प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में पानी की बोतल बनाने वाली कंपनियों को अब लाइसेंस लेना होगा। यह नियम प्लास्टिक की बोतल में पानी बेचने वाली कंपनियों के लिए है। लाइसेंस में उन्हें इस बात को जाहिर करना होगा कि वे प्लास्टिक निस्तारण के लिए क्या कदम उठा रहे हैं।
बता दें कि पानी सप्लाई करने वाली कंपनियों को IPR के दायरे में लाया जाएगा। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ मिलकर नगर निगम आईपीएल लागू करने पर काम करेगा। यह नियम पानी के बोतल बेचने वाली कंपनियों के साथ-साथ सिंगल यूज़ प्लास्टिक प्रोडक्ट पर भी लागू होगा। इसके अलावा नगर निगम ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत एक दिसंबर से 75 जिलों में 75 घंटे अभियान बड़े पैमाने पर चलाने की घोषणा की है।
कम्पोजिट मशीन होगा अनिवार्य
कम्पोजिट मशीन होगा अनिवार्य
इस संबंध में नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कहा कि कचरा प्रबंधन के लिए बड़े सरकारी, निजी और पीएसयू को अपने कचरे के निस्तारण के लिए कम्पोजिट मशीन लगाना अनिवार्य किया जाएगा। सफाई को लेकर नगर निगम ने सर्वे करवाया है। इनमें 30 प्रतिशत कचरा केंद्र व पीएसयू से, 30 प्रतिशत व्यवसायिक स्थलों से, 30 प्रतिशत घरों से तथा 10 प्रतिशत शहर में बागवानी से उत्पन्न हो रहा है। नगर निगम शहर में गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर काम करेगा। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर काम किया जाएगा। एनजीओ व अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर हर मोहल्ले में चलेंगे।