Indian Railway : भारतीय रेलवे के ऐसे कई नियम हैं जो लोगों को पता ही नहीं होते हैं, ऐसे ही एक नियम के बारे में हम यहां आज चर्चा कर रहे हैं. इस नियम के अनुसार आप रेलवे के स्लीपर कोच या एसी कोच में बड़े आराम से यात्रा कर सकते हैं. सिर्फ आपके पास कोई भी सरकारी आइडेंटिटी प्रूफ होना चाहिए यानी कि आधार कार्ड या फिर वोटर आईडी. हालांकि यह नियम बहुत पुराना है, लेकिन कई लोगों को इस बारे में पता तक नहीं होता है. टीसी आपसे इस स्थिति में किसी भी तरह का कोई भी जुर्माना नहीं वसूल सकेगा, .
बस टीसी को दिखा दें ये SMS
बस टीसी को दिखा दें ये SMS : आपके मोबाइल नम्बर पर सीट और बर्थ नंबर का मैसेज है और टिकट कंफर्म है तो फिर रेलवे इसे वैलिड टिकट मानता है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें भी होती है जैसे एसएमएस (SMS) उन्हीं यात्रियों के मामले में वैध रहता है, जिन्होंने आईआरसीटीसी (IRCTC) या ऑनलाइन टिकट को बुक कराया हो. जिन लोगों ने काउंटर से टिकट खरीदा है, उन्हें यह सुविधा नहीं मिलती है.
काउंटर टिकट ( Counter Ticket ) वाले फिर क्या करें?
काउंटर टिकट ( Counter Ticket ) वाले फिर क्या करें? अगर आपने काउंटर से टिकट खरीदा है और आपके पास टिकट नहीं है, तो यात्री को कुछ शर्त पूरी करने पर यात्रा करने की अनुमति दे दी जाती है. उस शख्स को टीसी के सामने ये बात साबित करनी होगी कि वही यात्री है, जिसके नाम से टिकट को खरीदा है. हालांकि, उसके बाद भी उस यात्री की समस्या खत्म नहीं होती है. उसे टिकट का दाम और जुर्माना भी देना पड़ता है. इसके अलावा यह बात भी जान लीजिए कि यदि टिकट एयर कंडीशन वाले क्लास का है तो GST अलग से वसूला जाएगा.
E-टिकट ( E-Ticket ) कब से हुआ लागू?
E-टिकट ( E-Ticket ) कब से हुआ लागू? आज के समय में E-टिकट (e-ticket) से भी काम चल जाता है, लेकिन किसी जमाने में ऑनलाइन टिकट खरीदने पर भी प्रिंट आउट की मांग कर दी जाती थी यानी जिस यात्री के पास प्रिंट आउट नहीं होता था. उसे बेटिकट माना जाता था और उस पर फिर चालानी कार्रवाई भी होती थी. साल 2012 में रेल मंत्री ममता बनर्जी के समय E-टिकट वालों के लिए टिकट का प्रिंट आउट ऑप्शनल कर दिया यानी अगर आपके पास प्रिंट आउट नहीं भी है तो भी आपको कोई दिक्कत नहीं आने वाली है.
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