प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज देश में 5G सर्विसेज की औपचारिक शुरुआत कर दी गई। 5जी नेटवर्क के आने के बाद आपको मौजूदा 4जी एलटीई से कम से कम 10 गुना तेज इंटरनेट स्पीड मिलेगी। 5जी में सिर्फ 10 सेकेंड में पूरी मूवी डाउनलोड हो जाएगी। फिलहाल दो घंटे की फिल्म को डाउनलोड करने में करीब 7 मिनट का समय लगता है। कहा जाता है कि 5G स्वास्थ्य, शिक्षा और शिक्षा सहित सभी क्षेत्रों में क्रांति लाएगा।
यह सुखद संयोग है कि अभी कुछ सप्ताह पहले ही भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। 5G की मदद से हम अपने युवाओं के लिए दुनिया का ध्यान खींचने वाले इनोवेशन कर सकते हैं। भारत के साधारण लोग इस तकनीक से अपनी चीजों को सुधार सकते हैं। यह दिन हमारे लिए नई प्रेरणा लेकर आया है। इस तकनीक के इस्तेमाल से हम देश को हर क्षेत्र में आगे ले जा सकते हैं। युवा पीढ़ी के लिए नए अवसर मिलने वाले हैं। इस दिशा में युवाओं को मिलकर काम करना चाहिए।
कभी एक जीबी डेटा 300 रुपये में मिलता था लेकिन आज इसकी कीमत घटकर 10 रुपये हो गई है। आज गरीब हर महीने 4,000 रुपये की बचत कर रहे हैं। हमने देश के लोगों की सुविधा बढ़ाने के लिए काम किया। भारत प्रथम तीन औद्योगिक क्रांतियों का लाभ नहीं उठा सका। लेकिन भारत न केवल चौथी औद्योगिक क्रांति का लाभ उठाएगा बल्कि इसका नेतृत्व करेगा।
आज तकनीक वास्तव में लोकतांत्रिक हो गई है। जब दुनिया रुकी तो हमारे बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे थे। टेलीमेडिसिन के जरिए लोगों का इलाज किया जा रहा था। दफ्तर बंद थे लेकिन लोग घर से काम कर रहे थे। आज एक रेहड़ी-पटरी वाला भी UPI से पेमेंट लेने की बात करता है। आज टेलीकॉम सेक्टर में दिख रही क्रांति इस बात का सबूत है कि अगर सरकार ईमानदारी से काम करे तो लोगों की नीयत बदलने में देर नहीं लगती हमारा लक्ष्य इंटरनेट को सभी के लिए सुलभ बनाना है। हमारी सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर की अड़चनों को दूर किया। इससे देश में डेटा क्रांति का जन्म हुआ। डिजिटल फर्स्ट की अवधारणा देश में विकसित हुई है।
आज भारत मोबाइल निर्माण के मामले में दूसरे नंबर पर है। आज हम कई देशों में मोबाइल निर्यात कर रहे हैं। अब देश में मोबाइल की कीमत कम हो गई है। 2014 में 60 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता थे।आज उनकी संख्या 80 करोड़ से अधिक हो गई है। ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऑप्टिकल फाइबर एक लाख 70 हजार से अधिक पंचायतों तक पहुंच चुका है।
डिजिटल इंडिया का उद्देश्य लोगों से जुड़ना है। हमारा दृष्टिकोण टुकड़ों में नहीं बल्कि समग्र होना चाहिए। हमने एक साथ सभी दिशाओं में ध्यान केंद्रित किया। डिवाइस की लागत, डिजिटल कनेक्टिविटी की लागत, डेटा की लागत और पहले डिजिटल का विचार। आत्मनिर्भरता ही डिवाइस की कीमत को किफायती बना सकती है। 2014 तक मोबाइल फोन आयात करते थे। हमने मोबाइल निर्माण का विस्तार किया। उनकी संख्या अब दो से बढ़कर 200 से अधिक हो गई है
भारत अब प्रौद्योगिकी का उपभोक्ता नहीं रहेगा, बल्कि इसके विकास में बहुत सक्रिय भूमिका निभाएगा। भारत भविष्य की प्रौद्योगिकियों के डिजाइन और विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा। हम 2जी, 3जी और 4जी के लिए दूसरों पर निर्भर थे। लेकिन भारत 5जी में आगे है। आज हर कोई जो नेट का उपयोग करता है, वह समझता है कि 5G तकनीक की वास्तुकला को बदल देगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 1 अक्टूबर 2022 की तारीख इतिहास में दर्ज होने वाली है। 130 करोड़ भारतीयों के लिए आज का दिन एक नए युग की दस्तक लेकर आया है। यह अवसरों के अनंत आकाश की शुरुआत है।