अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर पूरे परिवार की कुशलता की कामना की

पूर्णियाँ/सिटिहलचल न्यूज़

अमौर प्रखंड क्षेत्र के नगर पंंचायत सहित अन्य जगहों पर भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया गया, साथ ही अमौर के एतिहासिक शिव-दुर्गा मंदिर छठ घाट पर छठ पुजा धुमधाम से मनाया जा रहा है, अपने हाथों में छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं ने फल और पकवान से भरा हुआ सूप डलिया लेकर अर्घ्य अर्पित कर सबों के लिए कुशलता की कामना कीI संध्या होते ही रविवार को श्रद्धालुओं ने पूरे परिवार के साथ अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर पूरे परिवार की कुशलता की कामना कीI त्योहार को लेकर अनेक माता-बहन व श्रद्धालु भक्त कष्टी के रूप में तथा दंडवत देकर भी छठ घाट तक जाते दिखे, घाटो को अत्याधुनिक रोशनियों द्वारा सजाया गया था, कई घाटो पर भगवान भास्कर की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना किया गया

इसके साथ ही श्रद्वालुओं ने अर्घ्य देकर मंगलमय भविष्य की कामना की, आस्था के इस पर्व में लोग दोपहर 3 बजे से ही डालिया लेकर लोग घाट की ओर जाते दिखे। सभी घाटों पर समाज सेवियों, जनप्रतिनिधियों व पुलिस अधिकारियों की मुस्तैदी रहीI इस पर्व का अनुष्ठान में सर्व प्रथम छठ घाट की सफाई और नहाय खाय से होती है, फिर खरना होता है, खरना के दिन प्रसाद के रूप में पूरी, खीर ,रसिया ,केला आदि के प्रसाद को घर पर अर्घ्य देकर प्रसाद बांटते हैं, इस पर्व में साफ सफाई व पवित्रता पर विशेष ध्यान रखा जाता है , यह पर्व जिन घर मनाया जाता है उस घर में छठ महापर्व के गीतों से वातावरण भक्तिमय हो होता है

आज रविवार के दिन संध्या कालीन सूर्य को अर्घ्य दिया गया, वहीं, छठ घाट पर भगवान सूर्य की पूजा, हवन और आरती की गई। जबकि लोगों ने भी अर्घ्य देकर छठ माईया और भगवान सूर्य से कामना की। इस पर्व में व्रती सूर्य भगवान की पूजा कर उनसे आरोग्यता, संतान और अन्य मनोकामनाओं की पूर्ति का आर्शीवाद मांगते हैंI वहीं सोमवार को प्रातःकालीन बेला में उगते हुए सूरज को अर्घ्य दान देकर लोक आस्था के महापर्व की समाप्ति होगी।

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