डेस्क : किसान को खेती बाड़ी करने के लिए ट्रैक्टर आदि खरीदने के लिए लोन की सुविधा दी जाती है लेकिन यह लोन उन्हें भारी पड़ जाता है। दरअसल झारखंड के एक किसान ने निजी फाइनेंस कंपनी से ट्रैक्टर खरीदने के लिए लोन लिया। लेकिन यह ट्रैक्टर किसान के बेटी की मौत का कारण बन गया। लोन वसूली करने आए रिकवरी एजेंट की शिकायत बराबर सामने आ रहे हैं। यहां भी कुछ ऐसा ही हुआ रिकवरी एजेंट्स सभी हदें पार कर दिया। इसके बाद जब किसान के खेत से जबरन ट्रैक्टर ले जा रहा था तब किसान की बेटी ने लोन रिकवरी एजेंट को रोकने की कोशिश की इस दौरान रिकवरी एजेंटों ने किसान की बेटी, जो की गर्भवती थी उसके शरीर पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया।
इस गर्भवती महिला महिला की कत्ल के जुर्म में लोन एजेंट पर पुलिस की कार्रवाई चल रही है। लेकिन क्या आपके मन में सवाल उठा कि रिकवरी एजेंट वास्तव में उस ट्रैक्टर को जप्त करने के अधिकारी थे? और ऐसा करने पर किसान को क्या करना चाहिए था तो आइए इन सभी बातों को विस्तार से जानते हैं।
क्या है रिजर्व बैंक का नियम :
क्या है रिजर्व बैंक का नियम : भारतीय रिजर्व बैंक ने लोन रिकवरी एजेंटों के लिए सख्त नियम बनाया है। आरबीआई के मुताबिक लोन एजेंट्स किसी भी कर्ज दाता के घर सुबह 8 बजे से पहले और शाम के 7 बजे के बाद कॉल नहीं कर सकता है। इसके बाद भी कई नियमों को कई नियमों का पालन करना होता है।
आरबीआई के नियमों के मुताबिक लोन रिकवरी एजेंट्स किसी भी कर्जदारों को प्रताड़ित नहीं कर सकते है। इसके अलावा कर्जदारों को अनुचित मैसेज ना भेजने की हिदायद दी है। ऐसा नहीं है कि आरबीआई ने पहली बार इस मुद्दे पर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इससे पहले भी आरबीआई कर्ज वसूली से संबंधित दिशा-निर्देश जारी करता रहा है, लेकिन हाल ही में एक के बाद एक घटनाएं सामने आई हैं। इन्हीं को देखते हुए ये नए और बेहद सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
जानिए कर्जदार के अधिकार :
जानिए कर्जदार के अधिकार : आपको बता दें कि नियम के मुताबिक कोई भी लोन रिकवरी एजेंट वसूली करते समय पुलिस को भी साथ ले जाएं। इसके अलावा लोन रिकवरी एजेंट कर्जदारों की संपत्ति को जप्त करने के अधिकारी नहीं है। एजेंट का काम सिर्फ लोन की रकम वसूलना है वह भी अपने दायरे में रहकर। यदि कर्जदारों के साथ बदसलूकी या फिर किसी भी तरह की धमकी देने की कोशिश किया जा रहा है तो वह पुलिस में शिकायत कर सकते हैं।