डेस्क : यमुना एक्सप्रेसवे की सर्विस रोड पर मिले लाल सूटकेस के अंदर मिली लकड़ी की लाश की गुत्थी सुलझ चुकी है। सूटकेस से बरामद लड़की की पहचान दिल्ली की आयुषी यादव (21) के तौर पर हुई। आयुषी की हत्या उसके नाराज पिता ने ही की।
इस हत्याकांड की वजह बनी आयुषी की दूसरे जाति के लड़की से शादी। इतना ही नहीं शादी के बाद से आयुषी अपने परिजनों के साथ ही रहती है और आये दिन उसका अपने माता-पिता से झगड़ा हुआ करता था। पुलिस ने ऑनर किलिंग के मामले का खुलासा करते हुए आरोपी माता-पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं अपराध में इस्तेमाल किए गए वाहन और हथियार को बरामद कर लिया गया है।
झगड़े में पिता ने खोया आपा, फिर…(subhead)
झगड़े में पिता ने खोया आपा, फिर…(subhead)
बताया गया कि आयुषी ने परिवार की मर्जी के बगैर दूसरी जाति के प्रेमी छत्रपाल से आर्य समाज के मंदिर में शादी कर ली थी। बेटी की इस हरकत से परिवार काफी नाराज था। शादी के बावजूद आयुषी अपने परिवार के साथ दिल्ली में ही रह रही थी और आए दिन बिना बताए घर से बाहर चली जाती थी। इसको लेकर अक्सर उसका अपने माता-पिता से झगड़ा होता था। 17 नवंबर को भी बिना बताए घर से गई आयुषी जब वापस लौटी उसका अपने पिता नीतेश यादव से झगड़ा हुआ।
इस दौरान नाराज पिता ने आपा खो दिया और बहस के बीच बेटी को अपनी पिस्तौल से दो गोलियां मार दीं। गोली लगने से घायल हुई आयुषी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। गुस्से में हुए कांड के बाद पिता ने बेटी की लाश को ठिकाने लगाने का सोचा। इस पूरी वारदात में आयुषी की मां ब्रजबाला यादव ने साथ दिया। शव को हाईवे तक फेंकने के लिए मां खुद साथ गई थी। हत्या की रात उन्होंने बेटी का शव अपने घर (बदरपुर, दिल्ली के मोड़बंद गांव) में रखा और इसके बाद लाल रंग के ट्रॉली बैग में लाश को पैक करके अपनी कार से तड़के 3 बजे घर से निकले। फिर करीब 150 किलोमीटर दूर मथुरा जिले के राया इलाके में यमुना एक्सप्रेस वे की सर्विस रोड पर फेंककर वापस दिल्ली लौट आए।
18 नवंबर की सुबह 11 बजे यमुना एक्सप्रेसवे की सर्विस रोड पर कृषि अनुसंधान केंद्र के पास झाड़ियों में लाल रंग के ट्रॉली बैग में खून से लथपथ शव मिला था। जब बेग खोला गया तो अधिकारियों के होश फाख्ता हो गए। मामले की जांच आगे बढ़ी तो मामले की परते खुलती चली गई। मृतका के पिता नितेश यादव और मां ब्रजबाला यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। उन पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के साक्ष्य को गायब करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।