आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के मेडिकल अंतिम वर्ष के स्नातकोत्तर छात्रों की उत्तर पुस्तिका के पुनर्मूल्यांकन के मामले पर सुनवाई करते हुए यूनिवर्सिटी से जवाबतलब किया

नवम्बर 25, 2022 । जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा ने राजू कुमार की याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने एक सप्ताह में हलफनामा दायर करने का आदेश दिया।

याचिकाकर्ता का कहना था कि जो छात्र इस परीक्षा में शामिल हुए थे, वे पहले से ही पटना मेडिकल कॉलेज, नालंदा मेडिकल कॉलेज में पहले से ही स्थापित मेडिकल प्रैक्टिशनर हैं। कोर्ट के समक्ष मामले को दायर करने से पूर्व विश्विद्यालय के कुलपति के समक्ष अनेकों अभ्यावेदन दिए गए, इसके बावजूद न तो कोई कार्रवाई की गई और न ही कोई जवाब दिया गया।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आनंद वर्धन ने बताया कि यहां तक कि जांच का परिणाम भी लंबित है।

विश्वविद्यालय पीजी(एम डी/एम एस) 12 दिसंबर , 2022 से पूरक परीक्षा प्रारंभ होने जा रहा है। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए यूनिवर्सिटी के वकील से पूछा कि बार-बार आवेदन देने पर भी वाईस चांसलर ने कोई जवाब नहीं दिया।अब यह पूरी परीक्षा फिर से हो रही है। उसके लिए एक पेपर में उन्हें यह पूरक परीक्षा का चार पेपर फिर सब देना पड़ रहा है।

उसके कारण यदि इनके मार्क्सशीट पर पूरक जुड़ता है ,तो ये लोग, जो पहले से ही पीएमसीएच और एनएमसीएच में डॉक्टर हैं, ये लोग अपोलो और एम्स जैसे बड़े अस्पताल में नहीं चुने जाएंगे। यह मेडिकल प्रैक्टिशनर के जिंदगी के साथ खिलवाड़ है।इस मामलें पर अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद की जाएगी।

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