बेन (नालंदा दर्पण)। बेन प्रखंड क्षेत्र में आशा कर्मियों द्वारा 9 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल जारी है। जिससे अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं ठप पड़ गई है। ईलाज को आने जाने वाले मरीजों को अस्पताल के अंदर जाने से रोक रखा है। जिसके कारण दूरदराज से आए मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है तथा परेशानी झेलनी पड़ रही है।
मरीजों की बढ़ी परेशानी: दूरदराज से आने वाले मरीज के परिजनों का कहना है कि आशा कर्मियों की हड़ताल के कारण अस्पताल में मरीजों का ईलाज हो पाना मुश्किल हो गया है। जिसके कारण गरीब व असहाय मरीजों को दोहन का शिकार होना पड़ रहा है।
घर वापस लौट रहे मरीज: खैरा व बेन गांव के रामाश्रय पंडित ईलाज कराने आए ने बताया कि बेन अस्पताल में आशा कर्मियों द्वारा सारी सेवाएं ठप कर देने के कारण प्रसव व ईलाज नहीं हो पाया। जिस कारण वापस लौटना पड़ा।
आशा कर्मियों व मरीज के परिजनों के बीच नोंकझोंक: बेन अस्पताल में मंगलवार को ईलाज कराने को आए प्रखंड क्षेत्र के इनायतपुर गांव निवासी अखिलेश प्रसाद और हड़ताली आशा कर्मियों में काफी देर तक नोंकझोंक हुई। हालांकि मामला बहसा-बहसी तक हीं सिमटा रहा।
अखिलेश ने आशा कर्मियों की मनमानी पर विरोध जताया। अखिलेश के उग्र तेवर को देख अस्पताल के कर्मियों ने डॉक्टर के परामर्श अनुसार इमरजेंसी वार्ड से दवा उपलब्ध कराया गया। तब जाकर मामला शांत हुआ। एक व्यक्ति ने तो यह भी कहा कि आशा कर्मी यदि हड़ताल और धरना प्रदर्शन पर हैं तो उन्हें अस्पताल के बा र परिसर में बैठना चाहिए न कि अंदर में।
रजिस्ट्रेशन काउंटर को किया बंद: हड़ताली आशा कर्मियों ने रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पूर्जा काटने नहीं दे रही है। रजिस्ट्रेशन कमरे के दरवाजे में ताला जड़ दिया गया है। जिस कारण रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है।
बोले चिकित्सा पदाधिकारी: प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर सतीश कुमार सिन्हा ने बताया कि आशा कर्मियों ने पांच दिनों से ओपीडी में ताला लगा दिया है। तथा प्रसव को आनेवाले मरीजों को आशा कर्मियों द्वारा वापस लौटा दिया जाता है। आशा कर्मियों द्वारा मरीजों के साथ किए जा रहे खिलबाड़ कहीं से उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि जो मरीज अपनी बलबूते अस्पताल के अंदर प्रवेश करते हैं उन्हें प्रसव की सुविधा दी जाती है। आशा कर्मियों के रवैए के बारे में प्रतिदिन वरीय पदाधिकारीयों को सूचना दी जाती है।