उद्योग निदेशक ने उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए बैंकर्स एवं लाभार्थियों के साथ की समीक्षा बैठक – Nalanda Darpan – गाँव-जेवार की बात।

“नालंदा जिला में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए उद्योग विभाग के माध्यम से अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। बैंकों द्वारा त्वरित सहयोग में कमी के कारण योजना के लाभार्थियों के उद्यम को फलीभूत होने में अनावश्यक विलंब का सामना करना पड़ता है। विभिन्न योजनाओं के तहत उद्यम स्थापना के लिए अधिक से अधिक आवेदन सृजित हो तथा आवेदकों को समय से बैंकों के माध्यम से वित्त पोषण की सुविधा मिले….

बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। इसी उद्देश्य से निदेशक उद्योग पंकज दीक्षित ने हरदेव भवन सभागार में संबंधित पदाधिकारियों, बैंक प्रतिनिधियों एवं विभिन्न योजना के लाभुको/ संभावित आवेदकों के साथ बैठक किया।

बैठक में बिचाली व्यवसाय से जुड़े/व्यवसाय के इच्छुक व्यवसायियों, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम , प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना सहित अन्य योजनाओं  के तहत बैंकों के माध्यम से वित्त पोषण के अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई।

बिचाली व्यवसाय से जुड़े 120 आवेदनों में से अभी तक बैंकों द्वारा 37 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं तथा 29 आवेदन अस्वीकृत किया गया। अभी भी बैंक के पास 54 आवेदन स्वीकृति की प्रक्रिया हेतु लंबित हैं।

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पंजाब नेशनल बैंक के पास 21 तथा भारतीय स्टेट बैंक के पास 21 सर्वाधिक आवेदन लंबित हैं। इन आवेदनों का  निष्पादन शुक्रवार तक सुनिश्चित करने का निर्देश संबंधित बैंक के प्रतिनिधियों को दिया गया। स्वीकृति प्राप्त आवेदकों को अविलंब ऋण की राशि का भुगतान करने का निदेश बैंकर्स को दिया गया।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत बैंकों को 768 आवेदन भेजे गए जिनमें से 154 आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं। विभिन्न कारणों से 515 आवेदन बैंकों द्वारा वापस किए गए हैं। वर्तमान में बैंक के पास 109 आवेदन लंबित हैं। इन सभी लंबित आवेदनों का त्वरित निष्पादन सुनिश्चित करने को कहा गया।

आवेदक/लाभार्थी तथा बैंकों के बीच सहयोग एवं समन्वय के लिए विभिन्न उद्योग विस्तार पदाधिकारियों एवं श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों को अलग-अलग प्रखंडों के लिए जिम्मेवारी दी गई है। इन्हें आवेदन की प्रक्रिया में आवश्यक सहयोग के साथ साथ आवेदन की त्रुटियों को दूर करने हेतु कारगर कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

बैंकों को अपने स्तर से भी प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत आवेदन सृजित करने को कहा गया। प्रत्येक बैंक शाखा को कम से कम दो आवेदकों का वित्तपोषण सुनिश्चित करने को कहा गया।

इस योजना के तहत प्राप्त आवेदनों में से सर्वाधिक आवेदन केनरा बैंक (लगभग 92%)तथा बैंक ऑफ बड़ौदा (लगभग 81%)  द्वारा वापस किया गया है। संबंधित बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधकों को बैंक की शाखावार वापस किए गए आवेदनों की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया।

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के तहत मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों, एफपीओ, स्वयं सहायता समूह एवं सहकारिता द्वारा बैंक क्रेडिट के लिए पहुंच क्षमता को बढ़ाकर सूक्ष्म उद्यमों की क्षमता निर्माण करना है।

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इस योजना के तहत विभिन्न बैंकों को 72 आवेदन भेजे गए हैं। भारतीय स्टेट बैंक को 17, पंजाब नेशनल बैंक को 8, दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक को 25 तथा बैंक ऑफ इंडिया को 6 आवेदन प्राप्त है। अन्य बैंकों के पास भी प्राप्त आवेदन लंबित हैं।

अभी तक भारतीय स्टेट बैंक द्वारा 3 आवेदकों का वित्तपोषण किया गया है। सभी बैंकों को भेजे गए आवेदनों का निष्पादन एक सप्ताह के अंदर सुनिश्चित करने को कहा गया।

मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 470 आवेदन सृजित किए गए जिनमें से 452 को प्रथम किस्त 136 को द्वितीय किस्त तथा 5 को तृतीय किस्त की राशि उपलब्ध कराई गई है। लाभुकों को द्वितीय एवं तृतीय किस्त की राशि के भुगतान में तेजी लाने का निर्देश दिया गया।

मुख्यमंत्री सूक्ष्म एवं लघु उद्योग क्लस्टर विकास योजना के तहत कन्हैया गंज झूला क्लस्टर, सिलव में खाजा क्लस्टर तथा मोरा तालाब में फुटवेयर क्लस्टर की योजना को क्रियान्वित किया जा रहा है।

कन्हैया गंज झूला कलस्टर में सभी आवश्यक मशीनरी आ चुका है। आगामी 15 से 20 दिनों में इन मशीनों के इंस्टॉलेशन का कार्य पूरा किया जा सकेगा। उद्योग निदेशक ने 15 दिसंबर तक इस क्लस्टर को कार्यरत बनाने हेतु प्रयास करने को कहा।

मुख्यमंत्री सूक्ष्म एवं लघु उद्योग क्लस्टर के लिए 10 अन्य समूह की पहचान की गई है। जिला नवप्रवर्तन योजना के तहत भी रेडीमेड गारमेंट, बिजली के स्विच एवं बोर्ड, विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्र आदि से संबंधित उद्यम स्थापित करने वाले लोगों को योजनाओं से लाभान्वित किया गया है। इनके उद्यम को और आगे बढ़ाने के लिए भी आवश्यक वित्तपोषण सुनिश्चित करते रहने को कहा गया।

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जिला में कृषि, जीविका, पशुपालन, गव्य विकास तथा जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से क्रियाशील उद्यमियों तथा संभावना पूर्ण उद्यमियों को अलग-अलग श्रेणियों में सूचीबद्ध किया जा रहा है। इन उद्यमियों को उद्यम स्थापित करने या उद्यम को आगे बढ़ाने के लिए बैंकों के माध्यम से आवश्यक क्रेडिट लिंकेज के लिए कार्रवाई की जाएगी।

प्रगतिशील एवं संभावना पूर्ण उद्यमियों को आवश्यक क्रेडिट लिंकेज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए भी सभी बैंकर्स को उदारता पूर्वक आगे आने को कहा गया।

श्री दीक्षित ने बैठक में उपस्थित विभिन्न योजना के लाभार्थियों से उनके उद्यम की वर्तमान स्थिति तथा उद्यम से होने वाले आय के बारे में भी जानकारी ली। उद्यम को और आगे ले जाने के लिए  उनकी आवश्यकताओं के बारे में भी जानकारी ली गई तथा संबंधित पदाधिकारी एवं बैंक को इसके लिए ससमय कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया।

बैठक में उपस्थित जीविका दीदियों से भी उनके व्यवसाय एवं आगे की आवश्यकताओं के बारे में एक-एक कर जानकारी ली गई। इस संदर्भ में निकटतम बैंक के माध्यम से उपयुक्त योजना अंतर्गत उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप वित्तपोषण सुनिश्चित करने को कहा गया।

बैठक में जिलाधिकारी शशांक शुभंकर, उप विकास आयुक्त वैभव श्रीवास्तव, विभिन्न बैंकों के क्षेत्रीय प्रबंधक, बैंक प्रतिनिधि, जिला अग्रणी प्रबंधक, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, डीपीएम जीविका सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

 

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