लाइव सिटीज़ पटना: बिहार में आपराधिक वारदातों में वृद्धि हो रही है. बिहार में होने वाली घटनाओं में सबसे अधिक घटना जमीन विवाद के कारण हो रहा है. लगभग 60 प्रतिशत घटना जमीन विवाद के कारण घटित हो रही है. पहले की तुलना में प्रति वर्ष लगभग एक लाख एफआईआर अधिक दर्ज हो रहा. मौजूदा वक्त में लगभग तीन लाख कांड अनुसंधान के बिना लंबित है, जिस वजह से अपराधियों का हौसला बुलंद होता जा रहा है.
बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर बिहार पुलिस मुख्यालय एनसीआरबी के द्वारा जारी डाटा को आधार बना रही है. बिहार में अपराध की दर कई राज्यों के मुकाबले कम है. सवाल यह उठता है कि राज्य में प्रति साल जितनी एफआईआर दर्ज नहीं होती है. उससे कई गुना ज्यादा एफआईआर अनुसंधान के बिना लंबित पड़ा हुआ है. ऐसे में जब तक इन कांडों का अनुसंधान नहीं किया जाएगा, तबतक अपराधी फरार रहेंगे और इस तरह की घटना को अंजाम देते रहेंगे.
बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार की माने तो बिहार में मौजूदा वक्त में लगभग 3 लाख 67 हजार कांड लंबित हैं. जिस को जल्द से जल्द अनुसंधान पूरा करने का निर्देश दिया गया है. इन कांडों को अनुसंधान करने को लेकर बिहार पुलिस मुख्यालय ने चुनौतिपूर्ण लिया है. एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार की मानें तो इन कांडों को जल्द से जल्द अनुसंधान पूरा करने को लेकर दो तरह की कमेटी बनाई गई है. पहला जिला स्तरीय कमेटी और दूसरा राज्य स्तरीय कमेटी बनाई गई है, जो हर 15 दिन पर इन लंबित कांडों का अनुसरण कर जल्द से जल्द निपटारा करेगी.
जितेंद्र सिंह ने बताया कि इन टीम के द्वारा यह पता किया जाएगा कि आखिर किन कारणों से अनुसंधान में कठिनाइयां आती है. जिस वजह से समय पर अनुसंधान पूरा नहीं हो पाता है. अक्सर देखने को मिलता है कि कुर्की मिलने में दिक्कत, इंजरी रिपोर्ट मिलने में दिक्कत, पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने में दिक्कत के अलावे कई तरह की मुश्किल सामने आती हैं और इसे जल्द से जल्द कैसे निपटाया जाए. इन सभी विषयों पर हर पल हर दिन पर बैठक की जाएगी.
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