पूर्णियां/बालमुकुन्द यादव
पूर्णिया : अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी में लक्ष्य कार्यक्रम के अंतर्गत प्रसव एवं मातृत्व शल्य कक्ष का राज्य मुख्यालय से आई दो सदस्यीय टीम ने गहनता पूर्वक निरीक्षण किया गया। पटना से आई टीम में डॉ राजीव कुमार एवं निपी के एसटीएल गौरव कुमार शामिल थे। राज्य स्तरीय टीम ने दो दिवसीय निगरानी और मूल्यांकन कार्य संपन्न किया है। टीम द्वारा लेबररूम से संबंधित फाइलों की अद्यतन जानकारी ली गई। इस क्रम में प्रसव गृह में पदस्थापित जीएनएम के बेहतर कार्य को सराहा गया। इसके साथ ही कुछ आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए। इस अवसर पर क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक कैशर इक़बाल, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक संजय कुमार दिनकर, जिला गुणवत्ता यकीन पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार शर्मा, एमओआईसी डॉ प्रिंस कुमार सुमन, अस्पताल प्रबंधक अभिषेक आनंद, बीएचएम अविनाश कुमार, यूनिसेफ़ के क्षेत्रीय सलाहकार शिव शेखर आनंद, नंदन झा, केयर इंडिया के जिला तकनीकी पदाधिकारी डॉ देवब्रत महापात्रा, सिफार के धर्मेंद्र रस्तोगी एवं प्रसव कक्ष में कार्यरत प्रशिक्षित जीएनएम सहित कई अन्य अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मी उपस्थित थे
लक्ष्य प्रमाणीकरण के नवीनीकरण को लेकर किया गया निरीक्षण: डॉ राजीव
डॉ राजीव कुमार ने बताया कि सरकार का मूल उद्देश्य यही है कि राज्य के नागरिकों को स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी सेवाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध हो। अस्पताल में बने प्रसव संबंधी सेवाओं को बेहतर बनाते हुए इससे जुड़ी हुई सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाया जाए। मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, प्रसव के दौरान एवं इसके तत्काल बाद जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य की देखभाल आदि के लिहाज से लक्ष्य प्रमाणीकरण महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से प्रसव कक्ष में प्रसूता के लिए मिलने वाली हर तरह की सुविधाओं का आंकलन किया गया हैं। प्रसव कक्ष से जुड़ी हुई सेवाएं का विशेष देखभाल इकाई की गुणवत्ता में सुधार किया जाता है। अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी का लक्ष्य प्रमाणीकरण जनवरी 2020 हुआ था। लेकिन अब नवीनीकरण होना है। जिसके लिए निरीक्षण किया गया है
प्रसव एवं मातृत्व शल्य कक्ष में उपलब्ध संसाधनों की समय-समय पर की जाती है निगरानी: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि अनुमंडलीय अस्पताल परिसर स्थित प्रसव कक्ष एवं मातृत्व शल्य कक्ष में सभी तरह के संसाधनों एवं दवाओं की उपलब्धता के लिए जिला स्तर पर लगातार निगरानी की जाती है। स्थानीय स्तर, जिला स्तरीय टीम के अलावा क्षेत्रीय टीम द्वारा समय-समय पर निरीक्षण करते हुए चिकित्सकों, जीएनएम एवं सफाई कर्मियों को नियमित रूप से प्रशिक्षित किया जाता है। ताकि प्रसव कक्ष से जुडी समस्याओं का समाधान किया जा सके। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मियों को प्रसव कक्ष से संबंधित पंजियों के संधारण को अद्यतन बनाये रखने के लिए खास तौर पर प्रशिक्षित किया जाता है। लक्ष्य कार्यक्रम को जमीन पर उतारे जाने के बाद संस्थागत प्रसव में अपेक्षाकृत वृद्धि हुई है। लक्ष्य प्रमाणीकरण के लिए विभिन्न प्रकार के मानकों की जांच का प्रावधान है। जिसमें मुख्य रूप से सर्विस प्रोविजन, रोगी का अधिकार, सपोर्ट सर्विसेज, क्लिनिकल सर्विसेज, इंफेक्शन कंट्रोल, क्वालिटी मैनेजमेंट व उसका परिणाम शामिल है।