गया से आशीष कुमार की रिपोर्ट
देव इंद्र सा अनय करें, बन कृष्ण पराई पीर हरो
गया। अन्तरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद की महिला शाखा ओजस्विनी द्वारा जिलाध्यक्षा डॉ. रश्मि प्रियदर्शनी के निर्देशन में श्री कृष्ण जन्माष्टमी समारोह का आयोजन रामसागर तालाब के समीप स्थित जीपी गेस्ट हाउस ऐण्ड बैंक्वेट हॉल में धूमधाम से सम्पन्न हुआ। जन्मोत्सव का शुभारंभ अन्तरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के सभी पदाधिकारियों तथा आमंत्रित अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन, आरती तथा डॉ० रश्मि द्वारा प्रस्तुत “कभी राम बनके, कभी श्याम बनके, चले आना प्रभु जी चले आना” भजन की सुमधुर प्रस्तुति से हुआ। जन्माष्टमी समारोह के अंतर्गत बच्चों के लिए आयोजित प्रतियोगिता में श्री कृष्ण तथा श्री राधा का रूप धरे आरोही, अंशुमान, प्रियल, शुभम, प्रियांशु, अनन्या पांडेय, सुहानी पांडेय, युवराज सिंह, देवनाथ, आयुष आदि नन्हे-मुन्हों ने एक से बढ़कर एक मनलुभावनी प्रस्तुतियाँ दीं, जिसकी शोभा देखते ही बन रही थी। प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को ओजस्विनी की ओर से पुरस्कृत किया गया। सभी प्रतिभागी बच्चों की उमंग देखते ही बन रही थी। निर्णायक मंडल के सदस्यों में प्रो. गोलोक बिहारी श्रीवास्तव, रेनू रौनियार तथा माधुरी गुप्ता थीं। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर युवराज सिंह, द्वितीय स्थान पर प्रियल कुमारी तथा तृतीय स्थान पर अनन्या पांडेय, आरोही गायब तथा सुहानी पांडेय तीन प्रतिभागी रहे।
जन्मोत्सव समारोह में ओजस्विनी की जिलामंत्री अमीषा भारती तथा कोषाध्यक्ष प्रतिज्ञा कुमारी ने मन मोह लेने वाले भक्ति रस में डूबे मनमोहक नृत्यों की प्रस्तुतियाँ दीं। श्री कृष्ण जन्माष्टमी समारोह के सुंदर आयोजन पर अन्तरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के विभागाध्यक्ष शशिकांत मिश्र, जिला मंत्री राम बारीक, कार्याध्यक्ष मुक्तामणि, जिलाध्यक्ष शिव लाल टइया, मीडिया प्रभारी अश्विनी कुमार, रतन गायब, विकास कुमार, विशाल बारीक के साथ डॉ. ज्योति प्रिया, जूही, पल्लवी, इतिहर्ष, मोना डेंजर, रिया कुमारी, शिल्पा साहनी, सरिता देवी, मधु शर्मा आदि ओजस्विनियों ने हार्दिक खुशी जतायी। अहिप के विभागाध्यक्ष शशिकांत मिश्र तथा कार्याध्यक्ष मुक्तामणि ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी के भव्य आयोजन पर डॉ. रश्मि के साथ ओजस्विनी की पूरी टीम के प्रति आभार जताते हुए शुभकामनाएं दीं।
उपस्थित श्री कृष्ण भक्तों एवं सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए ओजस्विनी अध्यक्षा डॉ. रश्मि ने अपनी पंक्ति “देव इंद्र सा अनय करें, बन कृष्ण पराई पीर हरो” द्वारा योगीराज श्री कृष्ण चन्द्र को अन्याय, अहंकार, अनीति का सक्रिय विरोध करने वाला अद्वितीय क्रांतिकारी तथा अपूर्व योद्धा ठहराया। उन्होंने कहा कि हमें श्री कृष्ण के चरित्र से प्रेरणा लेते हुए अत्याचार, अनाचार, शोषण तथा दंभी सत्ताधारियों के विरुद्ध निर्भय होकर आवाज़ उठानी चाहिए। जहाँ कहीं भी गलत होता दिखे, निडरता के साथ प्रतिकार करना चाहिए। श्री कृष्ण ने समाज में फैली जीर्ण-शीर्ण कुरीतियों एवं कुप्रथाओं का विरोध करते हुए सारे जग को गीता का अमृतमय उपदेश दिया। लीला पुरुषोत्तम ने कर्म को सर्वोपरि बतलाते हुए “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” का अनमोल दर्शन दिया।