पूर्णियां/बालमुकुन्द यादव
वित्तिय आरोप सहित घोटालों में फसे पूर्णिया के पूर्व सिविल सर्जन एस. के.वर्मा के ऊपर प्रमंडलीय आयुक्त गोरखनाथ ने थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए है। इस बाबत प्रमंडलीय आयुक्त ने पत्रांक 3950 दिनांक 19/10/22 जारी कर पूर्णिया डीएम को आदेश दिया है।बता दे कि तत्कालीन सिविल सर्जन – सह – मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, पूर्णियाँ श्री एस० के० वर्मा के विरूद्ध त्रिसदस्यीय जाँच समिति के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर उन्हें प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है
पत्र में कहा गया है कि श्री वर्मा के विरूद्ध प्राप्त जाँच प्रतिवेदन एवं उनके साथ संलग्न साक्ष्यों से यह स्पष्ट हो चुका है कि उन्होंने अपने सगे-संबंधियों के नाम पर निविदा का कार्य आवंटित कर अपने पद का दुरूपयोग किया है तथा सरकारी राशि का दुर्विनियोग सरकारी धन का दुरूपयोग भी किया है। उन्होने वित्तीय नियमों का उल्लंघन कर षड्यंत्रपूर्वक सरकारी राशि को अपने सगे-संबंधियों को निविदा के माध्यम से गलत तरीके से भुगतान भी किया है। जिसके कारण उनके विरूद्ध सरकारी राशि के गबन एवं दुर्विनियोग का भी मामला बनता है। जाँच में इनके विरूद्ध प्रमाणिक साक्ष्य भी पाये गये हैं। श्री वर्मा के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में वर्णित प्रावधानों के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 420 एवं अन्य सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई अपेक्षित हो जाती है। इस मामले में समीक्षोपरांत यह भी पाया गया है
कि सुनियोजित तरीके से षड्यंत्रपूर्वक सरकारी राशि के गबन एवं दुरूपयोग के मामले में उपर्युक्त वर्णित अधिनियमों के सुसंगत धाराओं के तहत श्री वर्मा एवं उनके साथ शामिल अन्य षड्यंत्रकारियों के विरूद्ध स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज की जाय। उपरोक्त वर्णित तथ्यों के आलोक में श्री वर्मा एवं उनके साथ षड्यंत्र में शामिल उनके अन्य सगे-संबंधियों एवं अन्य के विरुद्ध सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी. पूर्णियों के माध्यम से प्राप्त जॉच रिपोर्ट एवं अन्य प्रमाणिक साक्ष्यों को संलग्न कर स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी जाय। वही जिलाधकारी को पत्र मिलने के बाद थाने में पूर्व सिविल सर्जन के खिलाफ मामला दर्ज करने की तैयारी शुरू हो गई है।