लाइव सिटीज, पटना: बिहार में नई बनी महागठबंधन की सरकार बनते ही विधायकों की परेशानी बढ़नी शुरू हो गई है. जिसमें सबसे पहले कांग्रेस की तरफ से मंत्री पद के प्रबल दावेदार भागलपुर विधायक अजीत शर्मा की बारी आई है.भागलपुर स्थित एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने स्थानीय कांग्रेस विधायक और विधानसभा में पार्टी के नेता अजीत शर्मा के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है. एसीजेएम-1 प्रबाल दत्ता की अदालत ने 13 साल पुराने मुकदमे में फैसले की तारीख पर मौजूद नहीं रहने को गंभीर मानते हुए कार्रवाई की है.
अदालत ने विधायक को पूर्व में मिली जमानत की सुविधा रद्द करते हुए इशाकचक थानाध्यक्ष को निर्देश दिया है कि आरोपित को गिरफ्तार कर 20 अगस्त को पेश किया जाए. सरकार की ओर से एसडीपीओ प्रभात कुमार ने जजमेंट को गंभीरता से नहीं लेने पर विधायक के खिलाफ वारंट निकालने का अनुरोध किया था, जबकि विधायक के वकील आशुतोष राय ने बिहार में बदलते राजनीतिक समीकरण का हवाला देते हुए एक और तारीख देने की मांग की थी.
आपको बता दें की बहुजन समाज पार्टी से 2009 में हुए चुनाव में भाग्य आजमाने वाले अजीत शर्मा के विरुद्ध पीरपैंती के टोपरा क्षेत्र में कपड़े का बैनर सरकारी पोल में लगा देखा गया था. क्षेत्र का मुआयना करने निकले तत्कालीन अंचल निरीक्षक उपेन्द्र रजक ने बैनर जब्त किया था. बैनर में बहुजन समाज पार्टी के घोषित प्रत्याशी अजीत शर्मा की तस्वीर लगी थी. उन्होंने आसपास के अन्य लोगों से पूछताछ बाद पीरपैंती थाने में शर्मा के विरुद्ध आदर्श चुनाव आचार संहिता का केस दर्ज कराया था. दर्ज केस में पुलिस की तफ्तीश बाद उनके विरुद्ध लगे आरोप को सत्य पाते हुए पुलिस ने 17 मई 2009 में आरोपपत्र दाखिल किया था.
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