किसान के बेटे ने तैयार की हाइड्रोजन से चलने वाली ये धांसू कार – जानिए भारत की कार कितना देगी माइलेज

डेस्क : पेट्रोल-डीजल के अलावा भारत में दूसरे ईंधन पर जोर दिया जा रहा है। आए दिन केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकारी भी हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली कारों पर बात करते रहते हैं। ऐसे में एक किसान के बेटे हर्षल नक्शाने ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नियंत्रित हाइड्रोजन से चलने वाली कार बना दी है।

यह कार मैकेनिकल इंजीनियर हर्षल ने यवतमाल की तहसील वानी में रहने वाले अपने बचपन के दोस्तों के साथ बनाई है, जिसे खुद की बनाई गई वर्कशॉप में ही तैयार किया गया है। इस कार का नाम ‘सोनिक वन’ रखा गया है जो कि पूरी तरह से भारत में निर्मित इलेक्ट्रिक कार है।

उनका कहना है कि एक लीटर लिक्विड हाइड्रोजन की मदद से यह कार 250 किमी तक का माइलेज देती है। अभी एक लीटर लिक्विड हाइड्रोजन की कीमत 150 रुपए के करीब पड़ती है और सोनिक वन कार में पेट्रोल- डीजल ईंधन वाले वाहनों की तुलना में बेहतर पिकअप है। वहीं इसकी टॉप स्पीड 200 किमी प्रति घंटा की है।

उनका कहना है कि ‘एआईकार्स’ नाम से उन्होंने इसे कार निर्माता के रूप में पंजीकृत किया है, जिसके संस्थापक और सीईओ हर्षल नक्शाने हैं। 2024 तक इन कारों की डिलीवरी शुरू करना उनका लक्ष्य है। उनका दावा है कि हाल ही में उन्होंने वानी से नागपुर तक कार चलाकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भी इसके प्रदर्शन को दिखा चुके हैं। जिसके बाद इसके लिए उन्हें व्यावसायिक रूप से लॉन्च करने के लिए सभी प्रकार का समर्थन का आश्वासन भी मिल चुका है।

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हर्षल ने बताया कि स्कूल में पढ़ाई के समय से ही कारों के हम दीवाने थे और तभी से भारत की सुपरकार बनाने का हमें सपना था। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने नागपुर के रायसोनी कॉलेज से अपनी इंजीनियरिंग पूरी की। कंपनी का सीएफओ, सीओओ और सीआईओ क्रमशः उनके बचपन के दोस्त, कुणाल असुतकर, दानिश शेख, प्रज्वल जामदाले को एआईकार्स बनाया गया है। इन्होंने कार बनाने से संबंधित कई कौशल हासिल किए और वानी में वर्कशॉप शुरू करने में पिछले साल खूब मदद भी की।

अपने इस कार के सफर को विस्तार से बताते हुए हर्षल कहते है कि, ” हमने शुरू से ही कार बनाने का उद्देश्य बना रखा था। पहले से हमने सोच के रखा था कि अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद हम नौकरी नहीं करेंगे। बता दें कि इसकी पेटेंट तकनीक को वह किसी बड़ी कंपनी को नहीं बेचेंगे और यवतमाल में खुद का प्लांट भी स्थापित करेंगे।

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