पूर्णियां/बालमुकुन्द यादव
पूर्णिया : कुपोषण के विरुद्ध व्यापक अभियान के तहत अति गंभीर कुपोषित बच्चों का समुदाय स्तर पर देखभाल एवं उपचार प्रबंधन (संवर्द्धन) कार्यक्रम के अंतर्गत दो दिवसीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण शिविर का आयोजन शहर के निजी होटल में किया गया। इसका विधिवत उद्घाटन प्रभारी सिविल सर्जन डॉ मोहम्मद साबिर, डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह, डीसीएम संजय कुमार दिनकर, यूनिसेफ़ की सुपर्णा रॉय, वृंदा किराडू, शिव शेखर आनंद एवं पोषण सलाहकार देबाशीष घोष ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर ज़िले के कसबा, जलालगढ़, अमौर, बायसी, बैसा एवं श्री नगर प्रखंड की सीडीपीओ, बीएचएम, बीसीएम एवं संबंधित प्रखंडों की एक-एक महिला पर्यवेक्षिका एवं आंगनबाड़ी सेविका सहित स्वास्थ्य विभाग एवं आइसीडीएस से जुड़े कई अन्य अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे
एनआरसी से वंचित अति गंभीर कुपोषित बच्चों को संवर्द्धन के तहत जोड़ने की आवश्यकता: सिविल सर्जन
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ मोहम्मद साबिर ने कहा कि संवर्धन कार्यक्रम को सफ़ल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं आईसीडीएस से जुड़ी सभी आंगनबाड़ी सेविका व आशा कार्यकर्ताओं द्वारा कार्य किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की एएनएम द्वारा दवाओं की उपलब्धता, वीएचएसएनडी सत्र पर अति गंभीर कुपोषित बच्चों का पंजीकरण, स्वास्थ्य से संबंधित सेवाएं प्रदान करना एवं पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) से छूटे बच्चों को समुदाय आधारित देखभाल से जोड़ने का कार्य करेंगी। आईसीडीएस से जुड़े कर्मी अपने-अपने पोषक क्षेत्रों में शत प्रतिशत बच्चों की वजन, लंबाई एवं ऊंचाई की मापी करेंगी, आंगनबाड़ी केन्द्रों पर वृद्धि निगरानी उपकरणों की उपलब्धता, टीएचआर का वितरण एवं डोर टू डोर भ्रमण कर पौष्टिक आहार एवं भोज्य पदार्थ खाने के लिए जागरूक करना है
कुपोषण को दूर कर कृत्यानंद प्रखंड को मॉडल के रूप मिली पहचान: डीपीएम
ज़िला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह ने कहा कि विगत 07 दिसंबर 2018 को यूनिसेफ़ के तकनीकी सहयोग से कृत्यानंद नगर प्रखंड के 98 आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वास्थ्य विभाग एवं आईसीडीएस द्वारा सामुदायिक स्तर पर पोषण प्रबंधन के लिए मॉडल के रूप में लागू किया गया था लेकिन फ़रवरी 2019 से यूनिसेफ़ (पोषण) एवं डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर से जुड़े अधिकारियों द्वारा सामुदायिक स्तर पर डोर टू डोर भ्रमण कर मॉडल प्रखंड को बेहतर तरीके से कम संसाधनों में भी अपने नौनिहालों को पूरक खाद्य पदार्थों खिलाकर बचपन में होने वाली सामान्य रूप से बीमारियों से बचाने के लिए सूक्ष्म पोषक तत्वों से संबंधित जागरूक किया गया है
ज़िले के सभी प्रखंडों में संवर्द्धन कार्यक्रम को लागू करने के लिए किया गया कार्यक्रम: देबाशीष घोष
यूनिसेफ़ के जिला पोषण सलाहकार देबाशीष घोष ने कहा कि विगत महीने जिलाधिकारी के अध्यक्षता में मासिक समीक्षा बैठक के दौरान समुदाय आधारित अति गंभीर कुपोषित बच्चों की देखभाल एवं उपचार प्रबंधन (सी-सैम) को संवर्द्धन कार्यक्रम को ज़िले के सभी प्रखंडों में लागू करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया था। जिसके आलोक में दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। वर्तमान में एनएफएचएस- 5 के आंकड़ों की बात करें तो बिहार में अति गंभीर कुपोषण का आंकड़ा 7.8 प्रतिशत है। साथ ही राष्ट्रीय पोषण मिशन के लक्ष्य के तहत बच्चों में अल्पपोषण प्रति वर्ष 2 प्रतिशत और एनीमिया के प्रसार को 2 प्रतिशत प्रति वर्ष कम करना है। कृत्यानंद नगर प्रखंड में पायलट परियोजना से भी इस बात की पुष्टि होती है कि समुदाय आधारित देखभाल से कुपोषित बच्चों में सुधार एवं कुपोषण से होने वाली मृत्यु की संभावना बहुत कम होती है ।