कोढा प्रखंड के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्र पर मनाया गया विश्व स्तनपान दिवस

कोढ़ा/ शंभु कुमार

विश्व स्तनपान सप्ताह हमें याद दिलाता है कि स्तनपान को सुरक्षित रखने, बढ़ावा देने और समर्थन करने में हम सभी की भूमिका है । इस वर्ष की थीम स्तनपान और अच्छे पोषण, खाद्य सुरक्षा और असमानता के बीच संबंधों पर प्रकाश डालती है। प्रत्येक वर्ष 1 से 7 अगस्त तक 120 देश विश्व स्तनपान सप्ताह मनाते हैं।इसी बीच कोढा बाल विकास परियोजना पदाधिकारी मनिषा कुमारी के निर्देश पर कोढ़ा के विभिन्न आगनवाड़ी केंद्रो पर शुक्रवार को विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया गया। महिला पर्यवेक्षिका गायत्री कुमारी की अगुवाई में कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर पदयात्रा करती हुई सेविका, सहायिका, जिविका दीदीयों व अन्य धात्री महिलाओं के संग आमजनों के बीच स्तनपान को बढ़ावा देने हेतु जागरूकता हेतु विभिन्न स्लोगन के गुंज शिशु के पोषण का आधार , मां का दूध है सर्वोत्तम आहार, शिशु को छ:ह माह तक स्तनपान, मां का दूध है अमृत समान के साथ पोषक क्षेत्रों में रैलियां भी निकाली गई ।

वहीं केंद्र संख्या 51 पर धात्री महिलाओं के साथ वैठक कर स्तनपान की महत्ता को बताती हुई जानकारी दी गई की शिशु के जन्म के 1 घंटे के अंदर स्तनपान कराना आरंभ करें ,शिशु को दिन रात अपने पास रखें ,शिशु को बारंबार स्तनपान जारी रखें, शुरू के दिनों में प्रतिदिन 8 से 12 बार रात में स्तनपान जरूर कराएं। पहले एक तरफ की छाती से दूध पिलाएं जब वह खाली हो जाए तो उसकी दूसरी तरफ की छाती से दूध पिलाना आरंभ करें। वही धात्री महिलाओं के लिए जानकारी दी कि रोजाना 500 कैलोरी बर्न करता है। हृदय रोग डायबिटीज की आशंका कम हो जाती है ब्रेस्ट और ओवेरियन कैंसर का खतरा घटता है। दूसरी महिलाओं के मुकाबले डिप्रेशन का स्तर कम होता है। वही शिशुओं के फायदे के विषय में महिला पर्यवेक्षिका गायत्री ने बताई की स्तनपान कराने से मां के दूध में हर जरूरी पोषक तत्व रहता है जो बच्चे को मिलता रहता है। मां का दूध आसानी से पचता है और पेट में गैस नहीं बनने देती है। 

मां के दूध में एंटी बॉडी के कारण संक्रामक बीमारियों का खतरा कम हो जाता है ब्रेस्टफीड से अचानक होने वाली मौत की आशंका कम बनी रहती है। वहीं इस स्तनपान सप्ताह दिवस पर महिला पर्यवेक्षिका गायत्री कुमारी,सोनम कश्यप, सेविका प्रेमलता कुमारी, इन्दु कुमारी, चुन्नी कुमारी,सुनीता कुमारी,रीना कुमारी, डेजी कुमारी, शिरोमणि कुमारी, प्रियंका हांसदा, अन्य धात्री महिला व कई ग्रामीण मौजूद थे।

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