क्या आप जानते है ताजमहल के वास्तुकला पर निर्मित है ये 300 साल पुराना डच मकबरा, सरकार की नकामी से बना खंडहर..

डेस्क : ताजमहल को देखने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में सैलानी उत्तर प्रदेश के आगरा शहर पहुंचते हैं. ऐसा ही, एक मकबरा बिहार के छपरा जिले में भी है, जो कि आगरा के ताजमहल की वास्तुकला पर ही बनाया गया है. मगर पर्यटन विभाग की अनदेखी के कारण अब खंडर में बदलता जा रहा है.

बताया यह जाता है कि ये मकबरा करीब 300 साल पुराना है. इसको लोग डच मकबरा के नाम से भी जानते हैं. ये छपरा जिले के मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर कारिंगा गांव में स्थिति है. हालांकि, शहर से इतना पास होने के बावजूद आज तक इस मकबरे से जीर्णोद्धार के लिए कोई सही दिशा और मंशा से काम नहीं किया गया है.

पुर्तगालियों ने छपरा को बनाया था व्यवसाय का केंद्र :

पुर्तगालियों ने छपरा को बनाया था व्यवसाय का केंद्र : पुर्तगालियों ने छपरा जिले में अपने व्यापार का केंद्र स्थापित किया था. इस बात की जानकारी सारण राजपत्र में छपे एक लेख में उपलब्ध है. बताया यह जाता है कि जलीय मार्ग से व्यापार का छपरा भी एक मुख्य केंद्र हुआ करता था.

डच और पुर्तगाली छपरा जिले को एक केंद्र के रुप में देखते थे. एक आलेख के अनुसार छपरा का कारिंगा हिस्सा 1770 तक डच लोगो के अधीन था. नमक के व्यापार के लिए छपरा जिले को केंद्र सत्यापित हुआ था. व्यापार के इस क्रम में यहां रहते हुए एक डच गवर्नर जैकबस वान हार्न की असमय मृत्यु हो गयी. इसके बाद इस मकबरे का निर्माण कराया गया था. आसपास के लोग इसे छोटा ताजमहल भी कहते हैं.

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