डेस्क : 70 साल तक ब्रिटेन में राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ पर एक नई बहस शुरू हो गई है। इस बहस की वजह वो लेटर है, जिसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि उसका कनेक्शन जॉन बर्क नाम के पब्लिकेशन से है। 1826 में जॉन ने ब्रिटेन के शाही परिवार और कुलीन वर्ग की वंशावली को प्रकाशित करने का काम शुरू किया।
जॉन ने वंशावली तैयार करने के लिए पुरखों के इतिहास की पर्त दर पर्त खोल कर रख दीं। वंशावलियों को शुरुआती दौर में दिलचस्प कहानियों का संग्रह बताया गया, लेकिन लोगों की दिलचस्पी इनमें धीरे-धीरे बढ़ने लगी। सबसे ज्यादा चर्चा में जॉन का पब्लिकेशन एक लेटर के कारण रहा। जॉन के पब्लिकेशन की एक दिन डायरेक्टर को लेटर मिला जिसमें लिखा था कि ब्रिटेन के बहुत कम लोगों को पता है कि एलिजाबेथ द्वितीय की नसों में पैगम्बर मोहम्मद का खून दौड़ रहा है।
उस लेटर की शुरुआत में कहा गया था कि खुद को आतंकियों से सुरक्षित रखने के लिए शाही परिवार के पैगंबर मुहम्मद के वंशज होने के दावे पर भरोसा नहीं किया जा सकता। हालांकि,सइस पर सभी मुस्लिम धार्मिक नेताओं को गर्व है। 2018 में मोरक्को के एक अखबार में छपी रिपोर्ट में भी दावा किया गया था कि पैगम्बर से महारानी का कनेक्शन रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि पैगम्बर की बेटी फातिमा की 43वीं पीढ़ीं से महारानी एलिजाबेथ ताल्लुक रखती हैं। यानी उनकी वंशज हैं।
दरअसल जायदा नाम की महिला से महिला का कनेक्शन बताया गया। स्पेन के शहर सेविले से इसकी पूरी कहानी शुरू होती है। एक दौर ऐसा भी था जब अब्बासी वंश के शासन की यहां शुरुआत हुई। मोहम्मद इब्न अब्बास इस वंश के तीसरे राजा थे। इनका शासन 1069 से लेकर 1091 तक चला। पैगम्बर मोहम्मद की बेटी फातिमा का इन्हें वंशज बताया गया। मोहम्मद इब्न अब्बास की एक बेटी थी और नाम था ज़ायदा।
एक ऐसा दौर आया जब अब्बासी साम्राज्य पर मोरक्को के अल्मोराविदो शासकों ने आक्रमण किया। इतने हालात बिगड़ गए कि अपनी जान बचाने के लिए ज़ायदा को देश छोड़ना पड़ा। अल्फांसो षष्ठम के पास वह शरण लेने पहुंचीं। ज़ायदा को लियोन, कैसिले और गेलिसिया की सत्ता के शासक अल्फांसो षष्ठम ने अपना लिया और इसके लिए ज़ायदा को अपना धर्म बदलकर ईसाई बनना पड़ा। इतिहासकार और बिशप पेलागियस ओविदो का कहना है कि अल्फांसो षष्ठम की ज़ायदा उप-पत्नी बन गई थीं। दोनों की एक संतान हुई और उसका नाम रखा गया सांचो। सांचो के ही वंशज का इंग्लैंड के राजा एडवर्ड तृतीय के परिवार में विवाह हुआ और उसके ही वंश से एलिजाबेथ पैदा हुईं। इन तरह से अब्बासी वंश से महारानी के वंश का कनेक्शन जोड़ा गया।