डेस्क : पढ़ाई को बढ़ावा देते हुए अब कुछ समय में बिना गारंटी के छात्रों को 10 लाख रुपए का लोन मिल सकता है। जल्द ही. केंद्र सरकार एजुकेशन लोन के लिए गारंटी लिमिट को 7.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर देगी। सरकार द्वारा ये कदम बड़ी संख्या में लोन एप्लीकेशन के रद्द होने और मंजूरी मिलने में देरी होने की बढ़ती शिकायतों के बाद लिया गया है। इस समय 7.5 लाख रुपए तक का हाइयर एजुकेशन लोन बिना किसी गारंटी के मिल जाता है।बता दें इतनी राशि तक के लोन के लिए किसी तरह की गारंटी नहीं मांगी जाती है।
वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा विभाग द्वारा गारंटी सीमा को 33 प्रतिशत बढ़ाने के लिए शिक्षा मंत्रालय के साथ बातचीत का प्रारंभ किया है। जिसके बाद सरकार के इस स्टेप से दिल्ली और बंगाल जैसे राज्यों की तरह पूरे देश में स्टूडेंट्स को 10 लाख रुपयों का लोन बिना गारंटी के मिल जायेगा। राज्य सरकारों ने तो पहले से ही लोन की राशि को बढ़ा के 10 लाख कर दिया है। जिसके बाद खबरें हैं कि वित्त मंत्रालय का वित्तीय सेवा विभाग गारंटी की लिमिट बढ़ाने के पक्ष में है और शिक्षा मंत्रालय के साथ बातचीत की प्रक्रिया चल रही है।
बैंक कर रहे आनाकानी :
बैंक कर रहे आनाकानी : एक रिपोर्ट सामने आई है जिसके मुताबिक ये खुलासा हुआ कि बढ़ते डिफॉल्ट मामलों के चलते अब सरकारी बैंक एजुकेशन लोन नहीं दे रहे हैं। एजुकेशन लोन पोर्टफोलियो में लगभग आठ प्रतिशत चूक की बड़ी दर को देखते हुए अब बैंक आनाकानी कर रहे हैं और सतर्क हो गए हैं। तभी कर्ज को मंजूरी देने में सावधानी बरती जा रही है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘सरकारी बैंक समेत अन्य बैंकों का चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही के आखिर तक लोन एजुकेशन बकाया करीब 80,000 करोड़ रुपये था।’
सही मामले हो रहे नजरंदाज :
सही मामले हो रहे नजरंदाज : सरकारी बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में बताया कि ‘बढ़ते एनपीए की वजह से एजुकेशन लोन की मंजूरी देने में ब्रांच के स्तर पर सतर्कता भरा रवैया अपनाया जा रहा है। इसकी वजह से कई सही मामले भी नजरअंदाज हो जाते हैं और इनमें देर भी होती है। हाल ही में वित्त मंत्रालय ने एजुकेशन लोन पोर्टफोलियो का जायजा लेने के लिए सरकारी बैंकों की बैठक बुलाई थी। दूसरी तरफ आरबीआई ने कहा था कि भारत में कमर्शियल बैंकों द्वारा दिए गए एजुकेशन लोन के एनपीए में हाल के वर्षों में तेज बढ़ोतरी हुई है, जो चिंता का विषय है।’