खुशखबरी.. सहारा के निवेशकों को मिलेगा डूबा पैसा.. जानिए कब तक और क्या करना होगा ?

सहारा के 10 करोड़ों निवेशकों के लिए बड़ी खुशखबरी है.. अब सहारा के निवेशकों का डूबा हुआ पैसा मिलेगा. इसके लिए केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सहारा रिफंड पोर्टल (Sahara Refund Portal) लॉन्च किया है. जिसके जरिए निवेशकों को पैसे वापस मिलेंगे।

क्या है सहारा रिफंड पोर्टल
सहारा के निवेशकों के डूबे पैसे को दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने ये पोर्टल शुरू किया है। निवेशक को पहले इस वेबसाइट पर जाकर अपना क्लेम भरना होगा। जिसके बाद पैसा रिटर्न की प्रक्रिया शुरू होगी । साथ ही रिफंड पोर्टल पर निवेश की पूरी जानकारी उपलब्ध होगी. जैसे निवेश की मैच्योरिटी कब पूरी हुई है. निवेश के पैसे कब तक वापस होंगे.. कितने पैसे वापस मिलेंगे. जैसी जानकारी उपलब्ध होगी

कैसे मिलेगा पैसा
सहारा इंडिया में जिन निवेशकों ने पैसा लगाया है। उन्हें सबसे पहले इस बात की जांच करनी होगी कि उनका पैसा किस को-ऑपरेटिव में लगा है. फिर उससे जुड़े अपने सारे दस्तावेज जुटाने होंगे. इस प्रोसेस में सहारा के एजेंट की क्या भूमिका होगी. इस बारे में पोर्टल पर जानकारी उपलब्ध होगी. सरकार के इस कदम से निवेशकों में पैसे वापसी को लेकर एक उम्मीद जागी है ।

अमित शाह ने किया लॉन्च
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री @AmitShahने नई दिल्ली में ‘सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल’ लॉन्च किया। ये पोर्टल सहारा समूह की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं द्वारा वैध दावे प्रस्तुत करने के लिए विकसित किया गया है। इस मौके पर अमित शाह ने कहा कि सहारा की सहकारी समितियों में जिन लोगों के रुपये कई सालों से डूबे हुए थे, उसे लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

45 दिन में मिलेंगे पैसे
सहारा के निवेशकों को रिफंड पोर्टल पर अपना क्लेम दर्ज करने के 45 दिनों के भीतर उनका पैसा मिल जाएगा। मतलब जैसे ही निवेशक रिफंड पोर्टल पर अपना दावा पेश करेंगे उसके डेढ़ महीने के भीतर उनका पैसा वापस आ जाएगा

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सरकार का सुप्रीम एक्शन
केंद्र सरकार ने ये फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लिया है। दरअसल, देशभर के करोड़ों निवेशकों के हजारों करोड़ रुपये सहारा इंडिया में फंसे हैं. लोग अपने निवेश की रकम की वापसी का इंतजार कर रहे हैं. सहारा इंडिया (Sahara India) में जिन लोगों ने पैसा लगाया था। वो उसकी मैच्योरिटी के बावजूद लोगों का पैसा वापस नहीं मिला है । जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सख्त आदेश दिए थे।

24 हजार करोड़ जमा हैं
दरअसल, ये विवाद साल 2009 का है. जब सहारा की दो कंपनियां सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन.. अपना आईपीओ लाने की पेशकश की थी. जिसके बाद सेबी ने सहारा में घोटाले का खुलासा किया था। सेबी ने जांच में पाया था कि सहारा ने गलत तरीके से 24,000 करोड़ की रकम जुटाई थी. जिसके बाद साल 2012 में सेबी ने सहारा के 24 हजार करोड़ के फंड को सीज कर लिया था ।

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