गन्ने की खेती: गन्ने की फसल से 30% अधिक उपज प्राप्त करने के लिए अपनाएं यह तरीका

नमस्ते कृषि ऑनलाइन: अगर आप भी अपने खेतीयदि आप गन्ने की खेती से अच्छा लाभ प्राप्त करने की सोच रहे हैं तो यह लेख आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है। एक रिपोर्ट से पता चलता है कि अकेले भारत में गन्ने की फसल की अनुमानित उत्पादकता 77.6 टन प्रति हेक्टेयर है और उत्पादन क्षमता लगभग 306 मिलियन टन है।

लगभग हर किसान गन्ने की खेती करता है, लेकिन अच्छा मुनाफा उन्हीं को मिलता है जो अच्छी और उन्नत विधियों से खेती करते हैं। उन्नत गन्ना विधि का प्रयोग करके आप भी अपने खेत में गन्ना बोने से दोहरा लाभ प्राप्त कर सकते हैं।


डीसीओ गोंडा on Twitter: "सिंगल रो ट्रेंच रोपित गन्ना https://t.co/CfsuMfvPDy" / Twitter

खाई विधि या गड्ढे विधि

यदि आप गन्ने की फसल से अधिक लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो इस विधि (गन्ने की खेती) को अपनाकर 30 प्रतिशत से अधिक गन्ने की उपज प्राप्त कर सकते हैं। इस तरीके के लिए आपको ज्यादा कुछ करने की भी जरूरत नहीं है।


-यह एक पारंपरिक तरीका है, जिसमें पानी की मात्रा बहुत कम होती है।

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– यह विधि खरपतवार को कम करती है और खाद का उचित उपयोग करती है।


-इसमें खेत में गन्ने की बिजाई के लिए करीब 1 फुट गहरी और 1 फुट चौड़ी नहर बनानी पड़ती है.

– इसके बाद इन नालों में कम से कम 25 सेमी. लंबाई में 2 से 3 आंखों के डंठल लगाए जाते हैं।


– इस विधि में गन्ने से गन्ने की दूरी 10 सेमी और नालियों की दूरी 4 फीट होनी चाहिए।

इस विधि की सबसे अच्छी विशेषता यह है कि आप एक ही समय में दो फसलों की कटाई कर सकते हैं। किसान गन्ने के साथ-साथ अन्य दलहनी फसलें भी लगा सकते हैं। ऐसा करने से किसान का मुनाफा दुगना होगा और खेत की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी।


पिट विधि में खाद की मात्रा

यदि आपने अपने खेत में गन्‍ना या गड्ढा विधि में गन्ना बोया है तो एक एकड़ खेत में लगभग 80 किलो नाइट्रोजन, 30 किलो फॉस्फोरस और 25 किलो पलाश मिला लें। याद रखें कि बुवाई के समय आपको फसल में एक तिहाई नाइट्रोजन डालने की आवश्यकता होती है। ताकि फसल अच्छी तरह तैयार हो सके।

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