गरीबों को निशाना बना रही शराबबंदी, समीक्षा करें नीतीश – सुशील कुमार मोदी

The BiharNews Post : December 7, 2022
पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शराब से जुड़े मामलों में एक माह के दौरान 45 हजार से ज्यादा गरीब-जनजातीय लोगों की गिरफ्तारी और तीन लाख लीटर शराब बरामद होना साबित करता है कि पूर्ण शराबबंदी लागू करने में नीतीश सरकार पूरी तरह विफल रही है।

श्री मोदी ने कहा कि भाजपा मद्यनिषेध के विरुद्ध नहीं, लेकिन इसे लागू करने में सरकार विफल है। इसकी समीक्षा क्यों नहीं होनी चाहिए ?

उन्होंने कहा कि नवम्बर में वीआइपी और सरकारी कर्मचारी तो केवल 739 पकड़े गए, जबकि गरीब और पिछड़ी जातियों के 6 लाख लोग हर साल जेल भेजे जा रहे हैं। शराबबंदी गरीबों पर भारी पड़ रही है।

उन्होंने कहा कि केवल शराब पकड़ने के लिए पुलिस-प्रशासन ने जब एक माह (नवम्बर- 2022) में 1 लाख 28 हजार से ज्यादा छापामारी की, तब जाहिर है कि कानून-व्यवस्था के दूसरे मामलों के लिए उनके पास समय नहीं है।

श्री मोदी ने कहा कि शराब की होम डेलिवरी में हजारों लोग लगे हैं और सैकड़ों वाहनों का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन होम डेलीवरी करने वाले मात्र 952 लोग पकड़े गए और सिर्फ 1469 वाहन जब्त हुए।

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उन्होंने कहा कि ये आंकड़े खुद सरकार के हैं और इससे पता चलता है कि पुलिस शराब माफिया के लोगों पर नरम और आम लोगों के प्रति सख्त होकर दोनों तरफ से वसूली में लगी है।

श्री मोदी ने कहा कि यदि रोजाना 10 हजार लीटर और महीने में 3 लाख लीटर शराब जब्त की गई, तो इतनी शराब आ कहाँ से रही है? सरकार इसकी तस्करी रोक नहीं पा रही है।

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उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को 2016 की पूर्ण शराबबंदी नीति पर हठ छोड़कर तुरंत समीक्षा करनी चाहिए।

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