छातापुर में मनी शरद पूर्णिमा उत्सव, हुए विविध खेल का आयोजन, वितरित किये गए खीर प्रसाद

IMG 20221010 WA0122 छातापुर/ सोनू भगत 

छातापुर/ सोनू भगत 

सुपौल /राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)के स्वयंसेवकों ने स्थानीय मिडिल स्कूल तथा धर्म शाला प्रांगण में धूमधाम के साथ शरद पूर्णिमा का उत्सव मनाया गया। शरद पूर्णिमा उत्सव 2022 कार्यक्रम में कबड्डी, खो-खो, टैंक युद्ध, अंत्याक्षरी जैसे खेल का आयोजन किया गया। इसके बाद चंद्रमा की रोशनी में रखी गई खीर को सभी स्वयंसेवकों ने प्रसाद रूप में ग्रहण किया।  इस अवसर पर कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में शामिल भाजपा मंडल अध्यक्ष सुशील प्रसाद कर्ण ने कहा कि अपने देश के अलग-अलग भागों में अनेक प्रकार के उत्सवों की परंपरा है। प्रत्येक उत्सव के साथ कोई न कोई महत्व व मान्यता है। इस लिए जाने की शरद पूर्णिमा का भी काफी खास मान्यता है

IMG 20220922 WA0152 छातापुर/ सोनू भगत 

कहा कि आश्विन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के रूप में मनाया जाने की प्रथा है।  जिसको लेकर यह उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर आरएसएस द्वारा यह उत्सव रात्रि काल मे मनाया गया। जिसमें हिंदुत्व से जुड़े आस्थावान लोग, बच्चे सभी शामिल हुए।  शरद पूर्णिमा के महात्म्य को बताते हुए कहा कि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा के अद्भुत रासलीला का आरंभ हुआ था। इस लिए शरद पूर्णिमा को महारास पूर्णिमा भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय जी का जन्म भी शरद पूर्णिमा के दिन ही हुआ है। इसी दिन माता लक्ष्मी का जन्म भी हुआ है ऐसा माना जाता है। स्वास्थ्य और अमृत्व की प्राप्ति के लिए खीर बनाकर शरद – चांदनी में रखकर प्रसाद स्वरूप इसका सेवन किया जाता है। कहा कि शरद पूर्णिमा पर खीर प्रसाद खाने की प्रथा भी कुछ खास है। कहा कि मान्यता है कि इस पुर्णिमा को बने खीर को खुले आसमान के नीचे रखने से उसमें चंद्रमा की अनंत किरण पुंज से अमृत की वर्षा होती है। जो वर्षा की बूंद खीर में मिल जाता है। जब उसे हम खाते है तो स्वस्थ व दीर्धायु होते है। कहा कि यह रात तब और महत्वपूर्ण हो जाता है

IMG 20221006 WA0136 छातापुर/ सोनू भगत 

जब स्वाति नक्षत्र इस रात पड़ता है। कहा कि स्वाति नक्षत्र की हर बूंद की खास महत्व है। कहा कि जब वज बून्द समुन्द्र में सीप के मुख में गिरती है तो मोती बनती है। सर्प के मुख में गिरती है तो विष बन जाती है तथा बांस में गिरती है तो वंशलोचन बनती है और जब केले के पेड़ में गिरती है तो कपूर बनती है। इतना ही नही मौके पर जैसी संगति मिलती है वैसा ही फल मिलता है।इस अवसर पर उपस्थित लोगों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। शरद पूर्णिमा उत्सव को लेकर खासकर नव युवक व बच्चों मर व्यापक उत्साह देखा गया।  शरद पूर्णिमा उत्सव के अवसर पर प्रकाश चंद जैन, संजय कुमार पप्पू, सूरज चन्द्र प्रकाश, संजय कुमार भगत, राजेश जैन, नवरत्न जैन, राम टहल भगत, हीरा लाल जैन, मणिलाल जैन, शंकर साह, सुबोध कुमार आदि थे। इधर, शरद पूर्णिमा पर घर घर भी आस्था वान लोगों द्वारा शरद पूर्णिमा उत्सव मनाया गया। इसके तहत पूजा अर्चना के बाद शुद्धता के साथ बनी खीर प्रसाद को खुले आसमान के निचे घण्टों रख उन्हें प्रसाद रूप में ग्रहण किया।

See also  Indian Railway : 3 गुना महंगा हुआ प्लेटफॉर्म टिकट – भीड़ कम करने के लिए लिया फैसला…

Leave a Comment