जनवरी से अक्टूबर तक 4 हजार 118 टीबी मरीजों की हुई शिनाख़्त, दी जा रही दवा: डॉ मोहम्मद साबिर

पूर्णियां/बालमुकुन्द यादव 

पूर्णिया : केंद्र सरकार सहित सभी राज्यों की सरकार एकजुट होकर टीबी उन्मूलन को लेकर गंभीरता पूर्वक कार्य कर रहा है। जिसको लेकर सामुदायिक स्तर पर लगातार प्रयास किया जा रहा है। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ मोहम्मद साबिर ने बताया कि जनवरी से अक्टूबर महीने तक ज़िले के सभी प्रखंडों में 4 हजार 118 टीबी मरीज़ों की शिनाख्त हुई हैं। जिसमें सबसे अधिक ज़िला मुख्यालय स्थित ज़िला यक्ष्मा केंद्र (डीटीसी) में 2 हजार 97 मरीज़ों की पहचान की गई हैं क्योंकि ज़िले के विभिन्न प्रखंडों से आने वाले रोगियों के कारण यहां की संख्या सबसे ज्यादा है। हालांकि प्रखंड स्तर की बात करें तो कसबा में सबसे अधिक 282 मरीज़ों की संख्या बताई गई हैं। इसी तरह अमौर में 253, धमदाहा में 199, बायसी में 194, बनमनखी में 188, रुपौली में 154, के नगर में 141, डगरुआ में 120, भवानीपुर में 116, जलालगढ़ में 116, बी कोठी में 97, बैसा में 86 एवं सबसे कम श्री नगर में 75 टीबी संक्रमित मरीजों की पहचान की गई हैं। ज़िले के संबंधित अस्पताल के कर्मियों द्वारा इलाज़ किया जा रहा है

टीबी उन्मूलन की दिशा में विभागीय कार्यो में आई तेजी, आशा कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका: सीडीओ 

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ मोहम्मद साबिर ने बताया कि विभाग द्वारा पूरे देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके आलोक में राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त रूप से टीबी उन्मूलन की दिशा में हर संभव प्रयास किया जा रहा है। हालांकि इसके लिए स्वास्थ्य विभाग अपने संसाधनों एवं नई-नई तकनीक के सहारे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। जिले में टीबी मरीजों की खोज आशा कार्यकर्ता एवं अन्य स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि जिले के सभी प्रखंडों में टीबी मरीजों के लिए सभी तरह के इलाज की व्यवस्था उपलब्ध है। विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी मरीज़ों की सुविधाओं को देखते हुए जांच की सुविधा के साथ ही दवा की भी उपलब्धता है। क्योंकि निजी अस्पतालों में इसका इलाज़ बहुत ज्यादा महंगा है, जबकि सरकारी अस्पतालों में सभी तरह के जांच एवं दवा का वितरण नि:शुल्क हैं

एमडीआर मरीज़ों से सुरक्षित रहने के लिए मास्क का प्रयोग निहायत जरूरी: डीपीएस

ज़िला डॉट्स प्लस टीबी एचआइवी समन्वयक (डीपीएस) राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि टीबी रोगियों को नियमित रूप से दवाओं का सेवन करना चाहिए। हालांकि सेहत में सुधार के लक्षण दिखने के बावजूद दवा खाना बंद नही करना चाहिए। स्थानीय स्तर के चिकित्सकों के संपर्क में रहते हुए पौष्टिक आहार का सेवन करते रहने की आवश्यकता होती हैं। इसके साथ ही टीबी के मरीजों को दवा का कोर्स पूरा करना जरूरी होता है। क्योंकि टीबी के संक्रमित मरीज अगर बीच में दवा छोड़ देते हैं तो उनका इलाज लंबे समय तक चलता है। जिस कारण नियमित रूप से दवा का सेवन करना बेहद जरूरी हैं। वहीं एमडीआर टीबी से संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने से बचाव एवं सुरक्षित रहने के लिए हमेशा मास्क का प्रयोग करना चाहिए।

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *