पूर्णिया/सिटीहलचल न्यूज़
बैसा:जागरूकता ही स्वास्थ्य की कुंजी है।उक्त बातें सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पिछले दस वर्ष स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले भावी विधायक प्रत्याशी हाजी नाहीद गनी ने कही। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य का अधिकार जीने के अधिकार को संरक्षित करता है। इस अधिकार के लाभ से समाज तभी आच्छादित हो पाएगा जब लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर खुद जागरूक होंगे। सिर्फ सरकार इसमें कुछ नहीं कर सकती है। स्वास्थ्य की रक्षा व्यक्ति के अपने हाथों में है। कहा कि सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक रूप से पिछड़े बच्चों और समुदाय को विशेष जागरूक करने की जरूरत है
स्वास्थ्य का सीधा संबंध पौष्टिक आहार से होता है। बच्चे के जन्म लेने से लेकर किशोर अवस्था तक इस पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। इसी सोच से आंगनबाड़ी केंद्र पर पोषाहार, स्कूल में मध्याह्न भोजन योजना सरकार ने शुरू की, लेकिन ये सिर्फ पेट भर पा रहे हैं। स्कूलों में अगर फूले हुए मूंग, चना, गुड़ का वितरण भी सुबह के नाश्ते में करने का प्रविधान किया जाए तो इसके कई फायदे होंगे। प्रखंड क्षेत्र के बच्चों की अगर सेहत का जायजा लिया जाए तो 75 प्रतिशत बच्चे एनीमिया यानि रक्त की कमी से पीड़ित है
25 फीसद बच्चे अति कुपोषण के शिकार हैं। ये आंकड़े डरावने वाले हैं । और स्वास्थ्य समाज की कवायद के लिए सवाल है। सामुदायिक भागीदारी और जन जागरूकता से मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी आ पाएगी। सरकार ने गांव से लेकर शहर तक अपने संसाधन और स्वास्थ्य सुविधा को मजबूत किया है। हालांकि यह सब व्यवस्था इलाज के लिए है। स्वस्थ समाज के लिए जरूरत है सभी के जागरूक होने का।