पूर्णियां/बालमुकुन्द यादव
पूर्णिया : राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत ज़िले में टीबी रोग के प्रति जन जागरूकता अभियान चलाकर आगामी 2025 तक टीबी को जड़ से समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। यह एक सामाजिक दायित्व है, जो हम सभी को निर्वहन करना निहायत जरूरी है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग, टीबी विभाग एवं अन्य सहयोगी संस्थाओं के अलावा सबसे अहम भूमिका ज़िले के नागरिकों की होती है। जब तक इनलोगों का सहयोग नहीं मिलेगा तब तक टीबी जैसी बीमारी को देश से भगाना मुश्किल होगा
टीबी रोगियों को गोद लेकर बीमारी से संबंधित सहयोग करना जरूरी: सीडीओ
प्रभारी सिविल सर्जन सह जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ मोहम्मद साबिर ने बताया कि ज़िले के पंचायत जनप्रतिनिधि या किसी भी गैर सरकारी संगठन के अधिकारी या सदस्यों के अलावा कोई भी आम नागरिक निक्षय मित्र बनकर टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में अपनी जिम्मेदारी सुनिश्चित कर सकते हैं। निक्षय मित्र कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य टीबी रोगियों को गोद लेकर उनका पोषण एवं चिकित्सीय जरूरतों को पूरा करना है। समाज में टीबी रोगियों के प्रति भेदभाव करने को लेकर नजरिया बदलना होगा। ज़िलें के निजी चिकित्सको एवं सरकारी स्तर पर खोजे गए 1570 सामान्य मरीज़ों की संख्या हैं। जिसमें जुलाई महीनें में 522, अगस्त में 542 एवं सितंबर में 506 टीबी मरीज मिले हैं। जिनका निःशुल्क उपचार किया जा रहा है
टीबी मरीजों के साथ भावनात्मक जुड़ाव जरूरी: डॉ मोहम्मद साबिर
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ मोहम्मद साबिर ने बताया कि कोई भी इच्छुक व्यक्ति डिजिटल पोर्टल के माध्यम से निक्षय मित्र बनने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए भारत सरकार द्वारा निक्षय हेल्पलाइन नंबर- 1800-11-6666 भी जारी किया गया है। जहां फोन कर इस संबंध में पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। टीबी रोगियों को गोद लेकर उनकी सहायता कई तरीके से की जा सकती है। सबसे अहम बात यह है कि टीबी मरीजों से भावनात्मक संबंध होना महत्वपूर्ण है। टीबी मरीज को यह विश्वास दिलाना होता है कि नियमित रूप से दवा सेवन करने मात्र से टीबी संक्रमण से जल्द ठीक हो सकते हैं। ज़िलें से टीबी को भगाने में आमजनों की सहभागिता भी जरूरी है। टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार टीबी रोगियों को चिह्नित, जांच एवं इलाज के अलावा निक्षय पोषण योजना का लाभ दिलाने में विभाग सदैव तत्पर रहता है।