पूर्णिया/सिटीहलचल न्यूज़
डगरुआ प्रखंड के डगरुआ बाजार में शिक्षक दिवस को लेकर छात्रों में उत्साह का माहौल। बता दें कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारें मेंभारत में महान अकादमिक दार्शनिक और विद्वान डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर 1888 में हुआ था। उनके सम्मान के लिए शिक्षक दिवस मनाया जाता है। पूरे देश में शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। देश का हर छात्र सैलिब्रेट करता है, वही आज डगरुआ के एक कोचिंग संस्था में छात्र एवं छात्राएं की काफी भीड़ लगी जहां देखा गया की छात्रों में शिक्षक दिवस को लेकर उत्सव देखने को मिला
वहीं शिक्षक इस्तीयाक आलम और नियाज आलम ने सभी छात्रों को शिक्षक दिवस के बारे में विस्तार से समझाएं । एक सम्मानित शिक्षाविद, राधाकृष्णन – स्वतंत्र भारत के पहले उपाध्यक्ष और दूसरे राष्ट्रपति भी थे। वह एक तेलुगु परिवार में पैदा हुए थे। उन्होंने द फिलॉसफी ऑफ रवींद्रनाथ टैगोर पुस्तक लिखी,उनके पास दर्शनशास्त्र में मास्टर डिग्री थी और उन्होंने भारतीय दर्शन को वैश्विक मानचित्र पर रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई
उनका एक लंबा एकै़डमिक करियर था और उन्होंने चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज और कलकत्ता यूनिवर्सिटी में पढ़ाया। आंध्र प्रदेश विश्वविद्यालय (1931-1936 तक) के कुलपति भी रहे। उन्होंने 1936 से ऑक्सफ़ोर्ड में भी 16 सालों तक पढ़ाया। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। वहीं उनको 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।