नगर पंचायत चुनाव स्थगित होने से प्रत्याशी के चेहरे पर छाई उदासी, प्रचार-प्रसार बंद

कोढ़ा/शंभु कुमार 

कोढ़ा नगर पंचायत समेत पूरे बिहार में अगले आदेश तक नगर निकाय चुनाव पर रोक लगा दिया गया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर पंचायत चुनाव स्थगित होने से नगर पंचायत के मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद व वार्ड पार्षद के प्रत्याशियों के चेहरे पर उदासी छा गई है तथा नगर पंचायत चुनाव को लेकर जहां चुनाव प्रचार प्रसार काफी परवान पर था। उस पर अचानक ब्रेक लग गया। और क्षेत्र में चुनाव प्रचार प्रसार बंद हो गया है। हाईकोर्ट ने स्थानीय नगर निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अति पिछड़ा वर्ग के लिए सीटों के आरक्षण को अवैध करार दिया है। और कहा है कि ऐसी सीटें सामान्य श्रेणी के तौर पर माने जाने के बाद ही चुनाव कराए जाएं

कई दिनों से मतदाताओं और उम्मीदवारों में चुनाव को लेकर उधेड़ बुन की स्थिति बनी हुई थी। मगर मंगलवार को लोगों के द्वारा अलग-अलग कयास लगाए जा रहे थे लेकिन शाम होते-होते स्थिति स्पष्ट रूप से साफ हो गई। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अगले आदेश तक चुनाव पर रोक लगाए जाने के बाद उम्मीदवार व समर्थक निराश दिखे। कटिहार जिले की कोढ़ा नगर पंचायत में भी चुनाव को लेकर गहमागहमी काफी तेज हो गई थी। और मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद, वार्ड पार्षद के द्वारा चुनावी जनसंपर्क अभियान काफी तेज हो गया था। सभी प्रत्याशी अपने अपने समर्थकों के साथ जनता के घर दस्तक देकर अपने पक्ष में मतदाताओं को मतदान करने को लेकर अपील कर रहे थे। अचानक हाई कोर्ट के द्वारा नगर पंचायत चुनाव पर रोक लगा दिए जाने के बाद उम्मीदवारों में मायूसी छा गई

बहरहाल अब राज्य निर्वाचन आयोग का अगला कदम क्या होता है फिलहाल सभी की नजर इसी बात पर टिकी हुई है। लेकिन चुनाव स्थगित होने से उम्मीदवारों की परेशानी तो बढ़ चुकी है और  उम्मीदवारों के पेशानी पर पसीना साफ दिखाई दे रहा है। प्रत्याशियों के चेहरे पर अब चुनाव में खर्च बढ़ने का डर सता रही है। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि कोढ़ा नगर पंचायत चुनाव में मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद के लिए जो उम्मीदवार कि चर्चा काफी हो रही थी और उसे जीतने की संभावना भी थी मगर अब चुनाव स्थगित हो जाने के कारण अन्य प्रत्याशी के द्वारा मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में सफल रहेंगे। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि अभी जो नगर पंचायत चुनाव होता इसमें नजारा कुछ और होता और अब हाई कोर्ट के निर्णय के बाद जो चुनाव होगा उसमें भी चुनाव का नजारा कुछ बदला बदला सा रहेगा।

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