कुरसेला /मणिकांत रमन
कुरसेला (कटिहार)। गंगा कोसी नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ का खतना बढ़ता जा रहा है। नदियों के जलस्तर वृद्धि का रफ्तार कम नहीं हो रहा है। बाढ़ से क्षेत्र के लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। निचले इलाके के गांवों में बाढ़ के पानी का फैलाव बढता जा रहा है। जलस्तर में वृद्धि से बाढ़ खतरे को लेकर निचले भूभाग पर बसे गांव के ग्रामीण माल मवेशियों के साथ ऊंचे जगहों पर शरण लेने में जुट गए हैं। प्रखंड के कई गांव बाढ़ की पानी से घिर चुका है। एनएच 31 के भट्ठा चौक से चॉयटोला, शेरमारी को जोड़ने वाली सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है। सड़क पर घुटने से अधिक पानी का बहाव हो रहा है
इस सड़क पर पानी चढ़ने से बढ़ी आबादी का एनएच 31 से सम्पर्क भंग हो गया है। इन गांवों के लोगों का आवागमन नाव के भरोसे रह गया है। इसी तरह कुरसेला बस्ती से कोशकीपुर मेहरटोला को जोड़ने वाली सड़क पर बने पुलिया पर पानी का दबाव बढ़ता जा रहा है। घुरना स्कूल से महेशपुर गांव को जोड़ने वाली सड़क सह बांध पर बाढ़ के पानी का दबाव बढ़ता जा रहा है। अबतक प्रखंड के बाघमारा, चॉयटोला, शेरमारी गांवों का सम्पर्क सड़क बाढ़ के पानी में डूबने से इन गांवों के लोगों के समक्ष आवागमन की विषम समस्या उत्पन्न हो गई है। उधर जरलाही पंचायत के मधेली स्थिति ठोकरों पर बाढ़ का दबाव बढ़ता जा रहा है
कुरसेला बस्ती घुरना स्कूल के समीप ग्रामीण सड़क से पानी का रिसाव हो रहा है। जिससे थाना व प्रखंड मुख्यालय में बाढ़ का पानी प्रवेश करने की संभावना बनी हुई है। नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी रहने से कई गांव बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे। जानकारी अनुसार प्रखंड के मलिनियां, मिर्जापुर, बाघमारा, पंचखुंटी सहित कई गांव बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं। माना जा रहा है कि अगर नदियों के जलस्तर में इसी तरह वृद्धि जारी रही तो प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो सकती है।