नालंदाः 3 पंचायत सचिवों पर कारवाई की अनुशंसा, 5 लेखापाल और 7 पंचायत सचिवों का वेतन बंद, 21 लेखापाल और 30 पंचायत सचिवों को शो कॉज़ – Nalanda Darpan – गाँव-जेवार की बात।

बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिला पंचायत राज पदाधिकारी ने सभी लेखापाल सह आईटी सहायकों के साथ की वित्तीय कार्यों की समीक्षा के दौरान पाया गया कि अंकेक्षण हेतु रोस्टर वार तिथि पूर्ण होने के बावजूद कई प्रखंडों में अंकेक्षण कार्य पूर्ण नहीं किया गया है।

वित्तीय वर्ष 2020-21 में सरमेरा, कतरीसराय, सिलाव, इस्लामपुर, परबलपुर, बिहारशरीफ़, बेन, राजगीर एवं थरथरी प्रखण्ड में अंकेक्षण प्रतिशत 10 प्रतिशत से भी कम है।

इन सभी प्रखंडों के लेखापाल और पंचायत सचिव से शो कॉज़ किया गया तथा निर्देश दिया गया कि एक सप्ताह के अंदर अंकेक्षण कार्य पूर्ण नहीं होने पर सभी कर्मियों का वेतन स्थगित करते हुए विभागीय कारवाई की जाएगी।

सार्वजनिक कुओं के जीर्णोधार के संदर्भ मे प्रथम दृष्टया अभिलेखों के अवलोकन में पाया गया कि प्रपत्र 1 एवं 2 के जांच रिपोर्ट को पूर्ण रूप से संधारित किए बिना ही भुगतान किया गया है।

इसमें बिन्द, कतरीसराय, करायपरसुराय एवं चंडी प्रखण्ड के लेखापाल एवं पंचायत सचिव का वेतन तत्काल प्रभाव से स्थगित किया गया। सभी लेखपाल एवं पंचायत सचिव को निर्देश दिया गया कि एक सप्ताह के अंदर सभी अभिलेखों को दुरुस्त करें।

DPRO द्वारा बताया गया कि यदि योजनाओं में राशि के भुगतान के पूर्व यदि योजना का मापी पुस्त, मास्टर रोल, योजना के क्रियान्वयन के पूर्व एवं बाद के फोटोग्राफ, अभिश्रव इत्यादि का संधारण तथा नियमानुसार रॉयल्टी, मालिकाना फीस, श्रम सेस, जीएसटी, टीडीएस इत्यादि की कटौती सुनिश्चित नहीं की जाती है तो इसे वित्तीय अनियमितता मानते हुए सभी संबंधितों पर अग्रेतर कारवाई की जाएगी।

डीपीआरओ ने Block Account Facilitators को निर्देश दिया कि 15वीं वित आयोग की योजना के संदर्भ में ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर दिख रहे ऑनलाइन कैशबुक एवं बैंक पासबुक का नियमित रूप से अवलोकन करें तथा अनियमितता पाए जाने पर लिखित रूप से सूचित करें। Block Account Facilitators ऐसे सभी transactions की सूची बनाएंगे ताकि सभी संबंधितों पर कारवाई की जा सके।

समीक्षा में यह भी पाया गया कि हरनौत प्रखण्ड के पचौरा पंचायत के लेखापाल नवनीत कुमारी द्वारा 15वीं वित आयोग द्वारा टाइड मद में प्राप्त राशि को ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर अनटाइड मद में प्रविष्टि कर दिया गया, जिससे टाइड मद से क्रियान्वित योजनाओं के भुगतान में समस्या आ रही है। शो कॉज़ के साथ ही इनका वेतन तत्काल प्रभाव से स्थगित किया गया।

रहुई प्रखण्ड के हवनपूरा पंचायत के तत्कालीन पंचायत सचिव उपेन्द्र कुमार सिंह के विरुद्ध सार्वजनिक कुआं जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण किए बिना राशि की अग्रिम निकासी, 14वीं वित मद से क्रियान्वित 2 योजनाओं में क्रमशः 1,22,170 एवं 4,75000 रुपए की अग्रिम निकासी के आलोक में प्रपत्र “क” गठित कर विभागीय कारवाई प्रारंभ की गई।

सिलाव प्रखण्ड के नानन्द पंचायत के पंचायत सचिव अरविन्द कुमार के विरुद्ध पंचायत सरकार भवन निर्माण में 14 लाख रुपये की अग्रिम निकासी एवं पंचायत सचिव सतीश चन्द्र सिन्हा के विरुद्ध मुख्यालय से लगातार अनुपस्थित रहने एवं किसी भी समीक्षात्मक बैठक में भाग नहीं लेने के आलोक में प्रपत्र “क” गठित कर विभागीय कारवाई प्रारंभ की जाएगी।

डीपीआरओ ने बताया कि विभागीय योजनाओं के वित्तीय प्रबंधन, अंकेक्षण एवं प्रेषित उपयोगिता प्रमाण पत्र की उपलब्धि के आधार पर ही विभाग की छवि परिलक्षित होती है, अतः इन कार्यों में नियमित रूप से अनुश्रवण करते हुए लापरवाही बरतने वाले लेखपालों एवं पंचायत सचिवों पर कारवाई की जाएगी।

साथ ही, लेखापालों एवं पंचायत सचिवों के कार्य आधारित ग्रेडिंग कर रैंकिंग की जाएगी तथा लगातार खराब प्रदर्शन करने वालों पर नियमानुसार अपेक्षित कारवाई की जाएगी।

कार्य दायित्व एवं ग्रेडिंग का प्रतिशत:

  1. ऑडिट की पूर्णता का प्रतिशत – 30 प्रतिशत
  2. प्रेषित उपयोगिता प्रमाण पत्र का प्रतिशत – 30 प्रतिशत
  3. ई-ग्राम स्वराज के माध्यम से भुगतान के संदर्भ में तकनीकी सहयोग – 20 प्रतिशत
  4. ग्राम पंचायतों के माध्यम से वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति को उपलब्ध कराए गए राशि का प्रतिशत एवं अभिलेख संधारण – 20 प्रतिशत

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *