पूर्णिया/सिटिहलचल न्यूज़
बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रमंडलीय प्रभारी सह राजद के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर आलोक कुमार ने बयान जारी कर नगर निगम प्रशासन द्वारा निजी एजेंसियों के माध्यम से निगम के टैक्स की वसूली के निर्णय को निगम पर अनावश्यक बोझ ठहराया है। निगम के अंतर्गत पूर्व से कार्यरत कर्मचारियों को कार्य से वंचित कर किसी निजी एजेंसियों के द्वारा सरकारी कर संग्रह को अवैध ठहराया है। क्योंकि नगर निगम का चुनाव नहीं होने के कारण किसी भी तरह के नीतिगत फैसला जो चुने गए जनप्रतिनिधियों को करना है उस कार्य को प्रशासनिक अधिकारी के द्वारा आउटसोर्सिंग के माध्यम से कराना दोहरी नीति को दर्शाता है। पूर्व में भी इस तरह के निर्णय लिए गए थे ,जिनको बाद में चयनित बोर्ड के द्वारा निरस्त किया गया है।
निजी एजेंसियों को लाभ पहुंचाने के लिए इस तरह का कार्य किया जा रहा है। बेरोजगार नौजवानों से आउटसोर्सिंग एजेंसियों द्वारा अवैध वसूली की जा रही है। प्रोफेसर आलोक ने टैक्स वसूली में अनियमितता का आरोप लगाकर सक्षम कर्मचारियों के मनोबल को नीचा दिखाना दर्शाता है। प्रोफेसर आलोक ने कहा कि पूर्व के सरकारी कर्मचारियों द्वारा जहां अनियमितता बरती गई है ,उसकी बिना जांच कराए मनमाने ढंग से निजी एजेंसी को बिना निविदा आमंत्रण के खास एजेंसी के द्वारा सिर्फ पूर्णिया नगर निगम में इस तरह का निर्णय लेना सरकार के दिशा निर्देशों का पूरी तरह अनदेखी की गई है।
प्रोफेसर आलोक ने कहा कि इस निर्णय के विरुद्ध पूर्णिया के गणमान्य लोगों का एक शिष्टमंडल बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री सह नगर विकास मंत्री श्री तेजस्वी यादव से मिलकर ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया है। साथ ही स्थानीय प्रमंडलीय आयुक्त से पूर्णिया नगर निगम क्षेत्र के आयुक्त द्वारा लिए गए निर्णय को रोक लगाने की मांग किया है।