लाइव सिटीज पटना: जदयू से इस्तीफा देने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. आरसीपी सिंह के आरोप पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने करारा जवाब दिया है. ललन सिंह ने पटना स्थित पार्टी दफ्तर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आरसीपी सिंह कभी संघर्ष के साथी नहीं रहे, वे सिर्फ सत्ता के साथी रहे हैं. आरसीपी सिंह कहते हैं जेडीयू डूबता जहाज है तो मैं बताना चाहता हूं कि जेडीयू डूबता हुआ जहाज नहीं दौड़ता हुआ जहाज है. ललन सिंह ने दावा करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव 2020 में नीतीश कुमार के खिलाफ साजिश हुई थी. उसका भी खुलासा करेंगे.
ललन सिंह ने कहा कि 2020 चुनाव में एक षड्यंत्र रचा गया था चिराग के रूप में और अब आरसीपी सिंह के रूप में रचा जा रहा था. षड्यंत्र रचने वालों की अब पहचाई हो गई है. जल्द खुलासा किया जाएगा, अभी ट्रेलर देखिए, फिल्म बाद में देखिएगा. उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह के रूप में दूसरा चिराग मॉडल तैयार किया जा रहा था. ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार भूंजा खाते है उसमें भी आरसीपी को आपत्ति है. भूंजा खाकर ही इतना विकास कर दिए कि आज पूरी दुनिया में नीतीश कुमार के विकास की चर्चा हो रही है.
आरसीपी सिंह के आरोप पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने करारा जवाब देते हुए कहा कि आरसीपी सिंह को तो जाना ही था. क्योंकि उनका तन जदयू में था और मन कहीं और था. साथ ही ललन सिंह ने कहा कि 2020 चुनाव में नीतीश कुमार के खिलाफ एक षड्यंत्र रचा गया था चिराग पासवान के रूप में और अब आरसीपी सिंह के रूप में रचा जा रहा था. RCP सिंह को आड़े हाथों लेते हुए ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने जिसकी पहचान बनाई, वह नीतीश कुमार के बारे में इस तरह के बात कह रहा है. नीतीश कुमार ने हमें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया. हम पार्टी के केयरटेकर है. अगर कोई केयर टेकर अपने आपके मालिक समझता है तो यह उसकी भूल है, पार्टी के मालिक सिर्फ नीतीश कुमार ही हैं.
ललन सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह को जेडीयू का कोई ज्ञान नहीं है. वे जेडीयू को डूबता हुआ जहाज बताते हैं. आप तो जानते हैं कि जहाज डूबता है तो कौन पहले भागता है. लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि जेडीयू डूबता जहाज नहीं है. इसमें जो छेद हो रहे थे, उन्हें सही कर दिया गया है. अब नीतीश कुमार की जेडीयू दौड़ता जहाज है. आरसीपी सिंह को तो पार्टी छोड़कर जाना ही था क्योंकि उनका तन यहां था लेकिन मन कहीं और था. उनका मन कहां था इस सवाल का जवाब तो केवल आरसीपी सिंह ही दे सकते हैं. उनका जहां मन है, वो वहां जा सकते हैं.
ललन सिंह ने कहा कि सत्ता हाथ से चला गया, इसीलिए आरसीपी सिंह बौखला गए हैं. उन्होंने कहा कि 2020 चुनाव में एक षड्यंत्र रचा गया था चिराग के रूप में और अब आरसीपी सिंह के रूप में रचा जा रहा था. षड्यंत्र रचने वालों की अब पहचाई हो गई है. ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार भूंजा खाते है उसमें भी आरसीपी को आपत्ति है. भूंजा खाकर ही इतना विकास कर दिए कि आज पूरी दुनिया में नीतीश कुमार के विकास की चर्चा हो रही है. राज्यसभा टिकट नहीं देने के सवाल पर ललन सिंह ने कहा कि राज्यसभा का टिकट नहीं भी मिला था तो संघर्ष करना चाहिए था. ललन सिंह ने दावा करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव 2020 में नीतीश कुमार के खिलाफ साजिश हुई थी. उसका भी खुलासा करेंगे. ललन सिंह ने कहा कि हमलोग केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल नहीं होंगे क्योंकि 2019 में सीएम नीतीश कुमार ने फैसला लिया था. 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का आरसीपी सिंह का फैसला था.
बता दें कि जदयू से इस्तीफा देने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार हमला बोल रहे हैं. साथ ही उन्होंने जदयू के दो सीनियर लीडर ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा पर भी निशाना साधा है. आरसीपी सिंह पर आरोप है कि उन्होंने परिवार के सदस्यों के नाम पर 2013 और 2022 के बीच बड़ी संपत्ति अर्जित की है. शनिवार को जदयू ने अपने कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह से स्पष्टीकरण मांगा था. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह से जवाब मांगा था. जेडीयू कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि आरसीपी सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर 2013 और 2022 के बीच बड़ी संपत्ति अर्जित की गई.
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