लाइव सिटीज पटना: जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि RCP सिंह जिस तरह अनर्गल बयान देकर लोगों को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं, वह आश्चर्यजनक और निंदनीय है. उमेश कुशवाहा ने कहा कि हम सबके नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष जब उन्होंने राजनीति में आने की इच्छा प्रकट की तब उन्हें राज्यसभा भेजा और आगे चलकर अपनी जगह पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष तक बना दिया. पार्टी में उनका कैसा मान-सम्मान था ये किसी से छिपा नहीं है, आज वह जो भी हैं वह मुख्यमंत्री की देन हैं. लेकिन वे नेता के विश्वास पर खरे नहीं उतरे और अपने ओहदे का दुरुपयोग किया.
जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आरसीपी सिंह का दायित्व बनता था कि वे मुख्यमंत्री की नीतियों और विचारों को आगे बढ़ाने का काम करते लेकिन उन्होंने निहित स्वार्थ के कारण भाजपा के साथ सांठगांठ कर जदयू को कमजोर करने का काम किया. केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने की लालसा में उन्होंने अपने नेता की सोच और पूर्व में लिए गए उनके निर्णय तक की अवहेलना की. अधिकार के दुरुपयोग का ऐसा उदाहरण और कहीं देखने को नहीं मिल सकता. उमेश कुशवाहा ने कहा कि 2020 के चुनाव में जदयू को 43 सीटों पर पहुंचाने के लिए भी बहुत हद तक वही जिम्मेदार हैं.
उमेश कुशवाहा ने कहा कि उनके हालिया बयान से अब तो यह स्पष्ट भी हो गया है कि भाजपा के साथ मिलकर वे बहुत पहले से खेल कर रहे थे. आरसीपी सिंह अपने इन कार्यों के चलते राजनीति के हाशिये पर चले गए हैं और पूर्णतया अप्रांसगिक हो चुके हैं. उमेश कुशवाहा ने कहा कि हमारी पार्टी कितने संघर्षों से बनी और किन आदर्शों को लेकर आज तक टिकी हुई है, उन्हें यह पता नहीं. हमलोग अब नीतीश कुमार के नेतृत्व में पहले से भी अधिक मजबूती से आगे बढ़ेंगे.
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि सूबे के लगभग तमाम जिलों में जदयू की कार्यकारिणी की बैठक कर आरसीपी सिंह को भाजपा का एजेंट बताते हुए उनके उस बयान की कड़ी निंदा की गई. जिसमें कहा गया था कि जदयू समाप्त हो जायेगी. वैशाली, मधुबनी, बाढ़, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सहरसा, अररिया, छपरा, रोहतास, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, बेगूसराय, नवादा, मधुबनी आदि जिलों में हुई बैठक में आरसीपी सिंह के बयान एवं कार्यशैली की निंदा की गयी. जदयू नेताओं ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के भरोसा और विश्वास को तोड़ा ही नहीं बल्कि पीठ में खंजर भोंकने का काम किया है जिसे बिहार की जनता कभी माफ नहीं करेगी.
बता दें कि जदयू से त्यागपत्र देने के बाद आरसीपी सिंह खुलकर नीतीश कुमार के खिलाफ बोलने लगे हैं. पहले आरसीपी ने कहा कि नीतीश कुमार सात जन्मों में भी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते. वहीं बीते दिनों उन्होंने कहा कि जल्द ही जदयू का राजद में विलय हो जाएगा. आरसीपी सिंह के इस बयान पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. ललन सिंह ने आरसीपी को बीजेपी का एजेंट बतायाा. वहीं नीतीश कुमार ने भी आरसीपी के इस बयान पर कहा कि उनको ललन सिंह आगे भी जवाब देंगे.
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