नमस्ते कृषि ऑनलाइन: देशअधिकांश क्षेत्रों में रबी फसलों की बुवाई अपने चरम पर पहुंच गई है। कृषि सलाहकारों के अनुसार 15 अक्टूबर से 15 नवंबर तक की अवधि फसलों की जल्दी बुवाई के लिए काफी अनुकूल मानी जाती है। इस दौरान बुवाई करने से बीज मिट्टी में ठीक से जमा हो जाते हैं। इससे पेड़ की जड़ें मजबूत होती हैं और पेड़ का विकास भी बेहतर होता है। और यह फरवरी-मार्च तक पूरी तरह से विकसित हो जाता है।
रबी मौसम की फसलें
हल्की गुलाबी सर्दी में रबी का मौसम शुरू होता है, इस मौसम में गेहूं, जौ, सरसों, आलू, मटर, चना आदि की खेती मुख्य रूप से की जाती है। इसके साथ ही आलू, मूली, गाजर, टमाटर, भिंडी, सोयाबीन, लौकी, पत्ता गोभी, पालक, मेथी, केल, शलजम आदि फसलें उगाई जाती हैं।
गेहूं की खेती
गेहूं रबी मौसम की प्रमुख फसल है। जो देश के अधिकांश हिस्सों में व्यापक रूप से प्रचलित है। पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश गेहूं उत्पादन के केंद्र माने जाते हैं। देश की खाद्य आपूर्ति यहां उत्पादित गेहूं से होती है, लेकिन इसका निर्यात भी किया जाता है। गेहूं की अगेती किस्मों की बुवाई के लिए 15 अक्टूबर से 15 नवंबर तक का समय अनुकूल है।
चने की खेती
भारत सहित अन्य देशों में छोले का व्यापक रूप से सेवन किया जाता है। रबी सीजन के दौरान चना को मुख्य दलहनी फसल माना जाता है। उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक और मध्य प्रदेश भारत में प्रमुख चना उत्पादक राज्य माने जाते हैं। अक्टूबर-नवंबर चने की बुवाई के लिए उपयुक्त महीना माना जाता है, क्योंकि चने की खेती के लिए सामान्य तापमान की आवश्यकता होती है। .
सरसों की खेती
सरसों की खेती रबी मौसम की प्रमुख दलहनी फसलों में से एक मानी जाती है। भारत और विदेशों में सरसों का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। सरसों के तेल का इस्तेमाल खाना बनाने में किया जाता है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र सरसों की खेती के केंद्र माने जाते हैं। पाम तेल और सोयाबीन के बाद सरसों का सबसे बड़ा उत्पादन होता है। सरसों की खेती के साथ-साथ अधिकांश किसान मधुमक्खी पालन भी करते हैं, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होती है।
आलू की खेती
आलू की खेती मुख्य रूप से रबी के मौसम में की जाती है। आलू में सभी पोषक तत्व होते हैं, इसीलिए इसे सब्जियों का राजा भी कहा जाता है। आलू की मांग साल भर बनी रहती है। आलू की खेती हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर की जाती है।