न जिला अस्पतालों की दशा सुधरी, न 705 डाक्टरों पर कार्रवाई हुई : सुशील कुमार मोदी

पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव न 60 दिन में जिला अस्पतालों को सुधार पाये, न उन 705 डाक्टरों पर कोई कार्रवाई हुई, जिन्हें कई साल से “गायब” बताया गया है।

  • महागठबंधन सरकार में स्वास्थ्य सेवाएँ बद से बदतर
  • औचक निरीक्षण के बाद तेजस्वी के पास समीक्षा तक की फुर्सत नहीं

श्री मोदी ने कहा कि सरकारी अस्पतालों से गायब डाक्टरों को अब तक वेतन कैसे मिल रहा है?

उन्होंने कहा कि सभी राशनकार्डधारी मरीजों को 5 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त देने की जो घोषणा की गई थी , उसका क्या हुआ?

श्री मोदी ने कहा कि जब डेंगू का प्रकोप चरम पर था, तब तेजस्वी यादव ने औचक निरीक्षण कर एक डाक्टर को सस्पेंड किया, लेकिन उसके बाद स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा तक नहीं की। मरीज भगवान भरोसे छोड़ दिये गए।

श्री मोदी ने कहा कि खगड़िया में बिना एनेस्थीसिया दिये महिला का बन्ध्याकरण आपरेशन किया जाना स्वास्थ्य सेवाओं की संवेदनहीनता और दुर्दशा, दोनों की गंभीरता बताने के लिए काफी है।

उन्होंने कहा कि जिला अस्पतालों में दवा, जांच, डाक्टर की उपलब्धता जैसी बुनियादी सुविधाओं को दो माह में ठीक करने का वादा हवा-हवाई ही साबित हुआ।

श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को स्वास्थ्य सहित आधा दर्जन प्रमुख विभागों का मंत्री बना दिया है। वे किसी विभाग को वक्त नहीं दे पा रहे हैं। उनके पास फुर्सत नहीं है और तकलीफ जनता को झेलनी पड़ रही है।

उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार में जन-कल्याण से सीधे जुड़े स्वास्थ्य विभाग की हालत बद से बदतर हो रही है।

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