‘न फरार चल रहे हैं, न नामजद अभियुक्त हैं’, बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के वकील ने PC कर सब बताया

लाइव सिटीज पटना: बिहार सरकार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. उनके खिलाफ कोर्ट से अपहरण के मामले में वारंट जारी किया है. जिसको लेकर बीजेपी हमलावर है. पहले यह खबर आई थी कि कार्तिकेय सिंह अपहरण के एक मामले में फरार चल रहे हैं और कोर्ट ने उनके खिलाफ वारंट जारी किया है. हालांकि कोर्ट की नजर में फिलहाल वह फरार नहीं है. कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर 1 सितंबर तक रोक लगा दी है. दरअसल साल 2014 में बिहटा थाना क्षेत्र में बिल्डर राजू सिंह के अपहरण मामले में विधायक अनंत सिंह के अलावा कार्तिकेय सिंह भी आरोपी बनाए गए थे. अब इस मामले में कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के वकीलों ने सफाई दी है. उनके वकीलों पर प्रेस कांफ्रेस कर बताया कि कार्तिकेय सिंह न फरार चल रहे हैं और न नामजद अभियुक्त हैं. वह बिलकुल निर्दोष हैं.

बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के वकीलों ने सफाई देते हुए कहा कि वह न फरार चल रहे हैं, न नामजद अभियुक्त हैं. 16 अगस्त को पेश होने की कोई सूचना नहीं है. कार्तिकेय सिंह की गिरफ्तारी आदेश पर 1 सितंबर तक रोक है. कार्तिकेय सिंह के वकीलों ने बताया कि जिस मुकदमे का जिक्र किया जा रहा है, उस मुकदमा के प्राथमिकी में कार्तिकेय सिंह अभियुक्त नहीं हैं. इस मामले में वह नामजद अभियुक्त नहीं है. उस प्राथमिकी के दस महीने बाद बताया गया कि उनको रस्ते में देखा गया. पुलिस ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में साफ बताया कि इस मामले में उनका कोई हाथ नहीं है. पुलिस ने उन्हें निर्दोष बताते हुए अंतिम प्रपत्र कोर्ट में जमा कर दिया है.

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मंगलवार को बिहार के कानून मंत्री बने कार्तिकेय सिंह ने इस मामले में अग्रिम जमानत याचिका 201/22 दाखिल की थी. कोर्ट ने इस केस में 12 अगस्त 2022 को अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए गिरफ्तारी पर अगली तिथि एक सितंबर 2022 तक रोक लगा रखी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पूरे मामले से खुद को अनजान बताया. वहीं राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह ने कहा कि इस तरह का मामला संज्ञान में आने के बाद अगर कोर्ट इस मामले में उन्हें दोषी साबित करता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. जबकि लालू यादव ने भी इस आरोप को गलत बताया है.

बता दें कि साल 2014 में बिहटा थाना क्षेत्र में बिल्डर राजू सिंह के अपहरण मामले में विधायक अनंत सिंह के अलावा कार्तिकेय सिंह भी आरोपी बनाए गए थे. पहले ऐसी खबर आई कि उन पर वारंट जारी हुआ है और वह फरार चल रहे हैं. कोर्ट ने कार्तिकेय सिंह की गिरफ्तारी पर 1 सितंबर तक रोक लगा दी है. मंगलवार को बिहार के कानून मंत्री बने कार्तिकेय सिंह ने इस मामले में अग्रिम जमानत याचिका 201/22 दाखिल की थी. कोर्ट ने इस केस में 12 अगस्त 2022 को अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए गिरफ्तारी पर अगली तिथि 1 सितंबर 2022 तक रोक लगा रखी है.

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