पटना: भारत में पहली बार हुई रोबोटिक लाइव सर्जरी, दुनिया भर के हजारों डॉक्टर ने इसे देखा

लाइव सिटीज पटना: अनूप मास्टर कोर्स (एएमसी) 2022 का आयोजन होटल मौर्या में 27 और 28 अगस्त को हो रहा है. इसमें देश और विदेश से हड्डी के डॉक्टर जुड़ कर जोड़ प्रत्यारोपण के क्षेत्र में आए नए बदलाव की जानकारी हासिल कर रहे हैं. इस मौके पर देश में पहली बार जोड़ प्रत्यारोपण की लाइव रोबोटिक सर्जरी भी उन्हें देखने को मिली. देश के प्रसिद्ध रोबोटिक सर्जन और अनूप इंस्टीट्यूट ऑफ आर्थोपेडिक्स पटना के डायरेक्टर डॉ आशीष सिंह, कोलकाता से आए डॉ संतोष कुमार, हैदराबाद से आए डॉ आदर्श अन्नप्रेडी ने लाइव सर्जरी किया. 27 अगस्त को दोपहर 12 बजे पटना के होटल मौर्या में इसका उद्घाटन पटना हाईकोर्ट के जस्टिस पार्थ सारथी ने किया.

इस कोर्स के बारे में जानकारी देते हुए डॉ आशीष सिंह ने बताया कि अनूप मास्टर्स कोर्स दो दिनों का अकादमिक कोर्स है. जिसे अनूप इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्थोपेडिक्स एंड रिहैबिलिटेशन और बिहार आर्थोपेडिक्स एसोसिएशन की ओर से करवाया जा रहा है. इन दो दिनों में देश और दुनिया के प्रसिद्ध जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ इस क्षेत्र में आए नए अपडेट और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की जानकारी दी. इसमें नामचीन विशेषज्ञों ने कूल्हे और घुटने से संबंधित बीमारियों, जोड़ो को बचाने के लिए नई तकनीकों का उपयोग करने और जोड़ प्रत्यारोपण में सटीकता प्राप्त करने पर जानकारी दी.

होटल मौर्या में इस दौरान रोबोट मौजूद रहा

इसमें शामिल होने वाले डॉक्टरों को रोबोटिक तकनीक से होने वाली घुटने, कूल्हे आदि की लाइव सर्जरी को देखने का मौका मिला. मौर्या होटल में रोबोट मौजूद रहा जिसे भी वे देख और समझ सके. इस दौरान विशेषज्ञों से सवाल भी पूछ का मौका मिला. मौर्या होटल में इस दौरान करीब 350 डॉक्टर मौजूद रहे. वहीं जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब समेत विभिन्न देशों के करीब 10,000 विदेशी डॉक्टर वर्चुअल रूप से जुड़े.

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जोड़ प्रत्यारोपण की लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की दी गई जानकारी

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ आयोजित हो रहे इस दो दिवसीय एएमसी 2022 में साइंटिफिक सेशन, लेक्चर और लाइव सर्जरी के साथ ही इंटरैक्टिव सत्र भी आयोजित हुआ. जोड़ प्रत्यारोपण के विश्व स्तरीय विशेषज्ञों ने इसमें अपने अनुभव साझा किए. इसमें पटना के डॉ आर .एन .सिंह और डॉ आशीष सिंह जोड़ प्रत्यारोपण के क्षेत्र में आए नए बदलाव, मरीजों को जोड़ प्रत्यारोपण की जरूरत नहीं पड़े. इसकी नई तकनीक और स्टेम सेल, बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसी नवीनतम तकनीक से मरीजों के इलाज की जानकारी दी.

इस कोर्स का लाभ मिलेगा मरीजों को

डॉ आशीष सिंह ने कहा कि इस कोर्स को करने के बाद सर्जनों को सर्जरी से जुड़ी तकनीकों, मरीज की संतुष्टि लेवल के साथ ही मरीज को दिए जाने वाले परामर्श कौशल को बेहतर करने में मदद मिलेगी. इसका लाभ रोगी और समाज को होगा. जोड़ प्रत्यारोपण सर्जरी के परिणाम में सुधार करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि अनूप इंस्टीट्यूट ऑफ आर्थोपेडिक्स पटना और बिहार आर्थोपेडिक्स एसोसिएशन की ओर से संचालित यह कोर्स पेशेवर संबंधों को बेहतर बनाने में मदद करता है. जिसके परिणामस्वरूप सर्जनों के बीच बेहतर सहयोग होता है.

चार मरीजों की निःशुल्क सर्जरी हुई

लाइव रोबोटिक सर्जरी में टोटल हिप रिप्लेसमेंट, टोटल नी रिप्लेसमेंट और हाफ नी रिप्लेसमेंट कर के दिखाया गया. जिसमें अपोलो दिल्ली से आए डॉ यश गुलाटी ने हाफ नी रिप्लेसमेंट किया. पटना के डॉ आशीष सिंह ने हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी किया. कोलकाता से आए डॉ संतोष कुमार ने रिप्लेसमेंट सर्जरी की. वहीं हैदराबाद के डॉ आदर्श अन्नप्रेडी ने भी ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी कर के दिखाया. चार मरीजों की सर्जरी इस दौरान निःशुल्क हुई.

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बिहार ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के सहयोग और मार्गदर्शन में यह सर्जरी हुई. इस सीएमई को रॉयल कॉलेज ऑफ सर्जन एडिनबर्ग, इंग्लैंड से मान्यता प्राप्त है. बिहार मेडिकल काउंसिल द्वारा भी इसे मान्यता प्राप्त है. इसे रोबोटिक सर्जरी की विश्व की सबसे बड़ी संस्था CAOS से भी मान्यता मिली हुई है. डॉक्टरों ने रोबोटिक सर्जरी की प्रैक्टिस भी की इसमें कोलकाता, दिल्ली, हैदराबाद, चंडीगढ़, अहमदाबाद, वाराणसी, जयपुर आदि शहरों के आर्थोपेडिक्स सर्जन भी शामिल हुए.

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