जस्टिस राजन गुप्ता की खंडपीठ को राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि दर्ज एफआईआर के सम्बंधित कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश किया जा चुका हैं।कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए 5 सितम्बर,2022 तक सम्बंधित कोर्ट को अंतिम निर्णय लेने का निर्देश दिया।
साथ ही निचली अदालतों में जजों की सुरक्षा पर विचार करने के लिए चीफ जस्टिस से एक कमिटी गठित करने का आग्रह किया गया है।
पिछली सुनवाई कोर्ट को बताया गया था कि डी जी पी, बिहार ने ए डी जे अविनाश कुमार के विरुद्ध दायर प्राथमिकी के कार्रवाई पर रोक लगा दिया था।
पिछली सुनवाई में ही कोर्ट ने राज्य सरकार को अविनाश कुमार के विरुद्ध दायर एफ आई आर वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया।
पूर्व की सुनवाई में एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कोर्ट को बताया था कि ये गलत ढंग से समझने के कारण ए डी जे अविनाश कुमार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया गया।इसे वापस लेने की प्रक्रिया शीघ्र प्रारम्भ की जाएगी
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार किसी न्यायिक पदाधिकारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के पहले चीफ जस्टिस की अनुमति जरुरी होती हैं।इस मामलें में इस प्रक्रिया का पालन गलतफहमी में नहीं किया जा सका।
कोर्ट ने इस मामले मे सुनवाई में मदद करने के लिए वरीय अधिवक्ता मृगांक मौली को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था।उल्लेखनीय है कि मधुबनी के डिस्ट्रिक्ट एन्ड सेशंस जज द्वारा 18 नवंबर, 2021 को भेजे गए पत्र पर हाई कोर्ट ने 18 नवंबर को ही स्वतः संज्ञान लिया था।
साथ ही साथ कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव, राज्य के डी जी पी, राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव और मधुबनी के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया था।
मधुबनी के प्रभारी डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज द्वारा अभूतपूर्व और चौंका देने वाली इस घटना के संबंध में भेजे गए रिपोर्ट के मद्देनजर राजन गुप्ता की खंडपीठ ने 18 नवंबर, 2021 को सुनवाई की थी।
ज़िला जज ,मधुबनी के द्वारा भेजे गए रिपोर्ट के मुताबिक घटना के दिन तकरीबन 2 बजे दिन में एस एच ओ गोपाल कृष्ण और घोघरडीहा के पुलिस सब इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार शर्मा ने जज अविनाश के चैम्बर में जबरन घुसकर गाली दिया था।
उनके द्वारा विरोध किये जाने पर दोनों पुलिस अधिकारियों ने दुर्व्यवहार करने और हाथापाई किया था। इतना ही नहीं, दोनों पुलिस अधिकारियों ने उनपर हमला किया और मारपीट किया है।साथ ही अपना सर्विस रिवॉल्वर भी निकाल लिया।
इस मामलें में पुलिसकर्मियो के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया गया।पुलिस ने भी जज के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर दिया,लेकिन इसमें प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था।
इस मामलें पर अगली सुनवाई सुनवाई ,7 सितम्बर,2022 को होगी।