जस्टिस असाउद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए पटना के जिलाधिकारी और एसएसपी व बिहार स्टेट फाइनेंसियल कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक को तलब किया है।
वरीय अधिवक्ता एस डी संजय ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा कि कानून के विरुद्ध जाकर अवैध ढंग से इस कार्य को अंजाम दिया गया है।
पटना के जिलाधिकारी व बिहार स्टेट फाइनेंसियल कॉर्पोरेशन द्वारा किसी कानून का पालन नहीं किया गया।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि कॉर्पोरेशन को सिविल कोर्ट के समक्ष रेस्टोरेंट को खाली करवाने के लिए जाना चाहिए था। इंडस्ट्री सेक्रेटरी के इसारे पर प्रबंध निदेशक द्वारा पटना के जिलाधिकारी को रेस्टोरेंट को खाली करवाने के लिए पुलिस बल उपलब्ध करवाया गया।
वरीय अधिवक्ता का कहना था कि न सिर्फ रेस्टोरेंट को खाली करवाया गया, बल्कि रेस्टोरेंट को भी तोड़ दिया गया। राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता शिव शंकर प्रसाद व उनके सहायक अधिवक्ता संजय कुमार कोर्ट के समक्ष सरकार का पक्ष रखा।
इस मामले पर अगली सुनवाई आगामी 1 दिसंबर,2022 को की जाएगी।