पटना, 09 सितंबर 2022। चीफ जस्टिस संजय क़रोल की खंडपीठ ने विनोद कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और बिहार लोक सेवा आयोग से जवाबतलब किया है।
याचिकाकर्ता की ओर से बहस करते हुए अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि मोटर व्हीकल इन्स्पेक्टर के 90 पदों पर बहाली के लिए बीपीएससी ने 2020 में विज्ञापन प्रकाशित किया। 5 और 6 मार्च,2022 को इन पदों पर बहाली के लिए परीक्षा आयोजित किया गया।
पटना के शास्त्रीनगर राजकीय बालिका उच्च विद्यालय के परीक्षा केंद्र के एक ही रूम में 28 उमीदवारो को सीट आवंटित किया गया।इन 28 लड़कियों में से 24 परीक्षा में एक सीरियल से सफल घोषित हुई।
अधिवक्ता दीनू कुमार ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि बीपीएससी,सरकारी अधिकारियों और उम्मीदवारों की मिलीभगत से इतने बड़े पैमाने पर धांधली और भ्रष्टाचार हुआ है।
उन्होंने बताया कि जब इस गड़बड़ी और धांधली का समाचार समाचारपत्रों में प्रकाशित हुआ,तो किसी तरह की जांच और कार्रवाई नहीं की गई।सरकार,बीपीएससी, निगरानी और आर्थिक अपराध ईकाई ने कोई कार्रवाई नहीं की।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि इस सम्बन्ध में जो अभ्यावेदन 9 अगस्त,2022 को दिया था।लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इस जनहित याचिका में ये माँग की गई कि इस परीक्षा को रद्द कर मोटर व्हीकल इन्स्पेक्टर की बहाली के लिए फिर से पारदर्शी और सही ढंग से परीक्षा आयोजित की जाए।इस परिणाम के आधार इनकी नियुक्ति हो।
उन्होंने बताया कि 67वी बीपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा में इसी तरह के अनियमितता के मामलें राज्य सरकार ने परीक्षा रद्द कर नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया था।
इस मामलें पर अगली सुनवाई 14 अक्टूबर,2022 को की जाएगी।