पटना हाईकोर्ट ने 11 साल की बच्ची से दुष्कर्म मामले में फाँसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया

पटना हाईकोर्ट ने 11 साल की बच्ची से दुष्कर्म करने के मामले में फाँसी की सजा पाए सजायफ़्ता को राहत देते हुए उसकी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। साथ ही इसी मामले एक अन्य अभियुक्त को रिहा कर दिया।

जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह एवं जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने अरविंद कुमार एवं अभिषेक कुमार की अपील याचिका पर सुनवाई करते स्वीकृति दे दी ।

19.09.2018 को इन दोनों अभियुक्तों के खिलाफ पीड़िता की माँ ने आईपीसी की धारा 376, 376b, 120(B), 504, 506, 354(D) एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 4,6 ऐवं 12 के तहत प्राथमिकी दर्ज करवाई थी ।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि फुलवारीशरीफ़ स्थित न्यू सेंट्रल पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल ने कक्षा पाँच में पढ़ने वाली छात्रा के साथ यौन शोषण किया।साथ ही उसका वीडियो वायरल करने के नाम पर ब्लैकमेल किया करते थे ।

इस कांड में स्कूल के एक अन्य शिक्षक ने भी उसका साथ दिया । जब लड़की की माँ को शक हुआ तो उसने स्कूल के प्रिंसिपल एवं शिक्षक के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कराई । इस पर संज्ञान लेते हुए निचली अदालत ने स्कूल के प्रिंसिपल को फाँसी की सजा सुनाई और शिक्षक को उम्रक़ैद की सजा सुनाई।

इस निचली अदालत के आदेश को अपीलकर्ताओं ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी । अपीलकर्ताओं का पक्ष वरीय अधिवक्ता बख्शी एस आरपी सिन्हा ने रखा।

मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह पाया कि अभियोजन पक्ष पीड़ित बच्ची की उम्र 12 वर्ष के कम साबित करने में विफल रहे और संदेह का लाभ देते हुए अभियुक्त अरविंद कुमार की फाँसी की सजा को उम्रकैद की सजा में तबदील कर दिया। अभियुक्त अभिषेक कुमार को उम्रक़ैद की सजा से बरी कर दिया ।

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