पूर्णिया/विकास कुमार
शुक्रवार को पूर्णिया पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में कई पति पत्नी के मामले सामने आए। जिसमे सरसी थाना के मसूरिया बस्ती की एक पीड़िता पत्नी शिकायत थी कि ससुराल वाले से रहने के लिए बकरीवाला घर दिया है। वह घर काफी दुर्गंध करता है। मां बोलती है तो मां को भी मारपीट करता है वही ससुर कहता है की अपने पति को जहर खिलाकर मरने की बात करती रहती है जिसका सबूत भी मौजूद है। वही पत्नी कहती है कि ससुराल वाले दहेज के लिए बराबर मारपीट और गाली गलौज किया करते हैं। समझाने बुझाने पर यह तय हुआ वह मारपीट नहीं करेगा इज्जत के साथ रखेगा तो रहूंगी।
वही दूसरी तरफ थाना अनगढ़ की एक पत्नी की शिकायत थी कि उसका पति चाकू लेकर सोता है और मुझे डराता है। खाना खर्ची भी ठीक से नहीं देता है। जिसपर पति कहता है कि मैं जब इसको खाना खर्चा भेजता हूं तो अपनी बेटी के हाथ से वापस कर देती है। समझाने बुझाने पर दोनों परिवार मिल जाते है।
वही बायसी थाना क्षेत्र की एक महिला की शिकायत थी कि वह एमए पास है जबकि उसका पति मैट्रिक पास है। वही दोनो की शादी दोनों पक्ष की माता-पिता की मर्जी से हुई। महिला में बताया कि उसने सोचा कि उसका पति उसके पढ़ाई लिखाई की कद्र करेगा और वैवाहिक जीवन सुखमय बीतेगा, मगर ऐसा नहीं हुआ। वहीं केंद्र ने दोनो पक्षों की बात सुनकर समझ मे आया कि मामला कुछ नही है बस वैचारिक मतभेद है। केंद्र ने देखा कि लड़की नवरात्र की हुई है तो पति को जूस पिलाने का आदेश दिया ताकि दोनो में प्यार मोहब्बत बढ़े, फिर अगले शुक्रवार ठंडे दिमाग से सोचकर आने को कहा।
जलालगढ़ थाना कि एक बीबी की शिकायत थी कि पति शराब पीकर मारपीट करता है। गाली गलौज करता है जिस कारण से हम मायके में रह रही है। वही पति का कहना है कि मेरी बहन की शादी थी। पत्नी से रुपया मांगा वह रुपैया उसके खाते में मेरे द्वारा ही जमा किया गया था, लेकिन वह नहीं दी। इसी बात पर झगड़ा तकरार हुआ था। केंद्र के समझाने पर इस बात पर पत्नी राजी हुई मारपीट नहीं करेगा और अच्छी तरह से भरण-पोषण करेगा तो मैं साथ रहने के लिए तैयार हूँ।
मामला को सुलझाने में केंद्र की संयोजिका किरण बाला सदस्य दिलीप कुमार दीपक स्वाति वैश्ययंत्री, जीनत रहमान रविंद्र शाह, प्रमोद जायसवाल एवं कार्यालय सहायक नारायण गुप्ता ने अहम भूमिका निभाई कुल 25 मामलों की सुनवाई की गई जिसमें से छह मामलों में पति पत्नी को समझा-बुझाकर उनका घर बसा दिया गया चार मामले पति पत्नी के जिद के कारण थाना अथवा न्यायालय से सुलझाने का सुझाव दिया गया।