पत्रकार के अथक प्रयास से नेपाल से लाया गया शव

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अजय प्रसाद/जोगबनी

भारत नेपाल मैत्री समाज जोगबनी के अध्यक्ष व सक्षम नारी सशक्तिकरण समिति के राष्ट्रीय कोर कमेटी का अध्यक्ष सह पत्रकार वरुण मिश्रा ने मानवता का ज्वलंत उदाहरण पेश करते हुए अर्थाभाव मे शव को छोड कर भागें परिजन को खोज कर शव सुपुर्द करवाया।वरुण मिश्रा ने बताया कि  पिछले 12 दिनों से नेपाल के विराटनगर स्थित न्यूरो अस्पताल में रखे सुपौल जिला के त्रिवेणीगंज थाना गढ़िया उत्तर निवासी मिथिलेश कुमार मंडल का शव को ग्रामीण को सौंप दाह संस्कार संपन्न हुआ। उन्होंने बताया कि 18 सितंबर को मिथिलेश को उक्त अस्पताल में भर्ती कराया गया था उपचार के क्रम में 5 अक्टूबर को उसका निधन के बाद उसके पिता अस्पताल का बकाया साढ़े तीन लाख और दवा दुकानदार का अस्सी हजार का व्यवस्था करने के बहाने अस्पताल से गायब हुए जो नहीं लौटे

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अस्पताल प्रबंधक डॉ वीरेंद्र बिष्ट , राजेश भट्टराई ने इसकी जानकारी 10 दिन पूर्व भारत नेपाल मैत्री समाज जोगबनी के अध्यक्ष व सक्षम नारी सशक्तिकरण समिति के राष्ट्रीय कोर कमेटी का अध्यक्ष वरुण मिश्रा को दिया। एक भारतीय का शव नेपाल के न्यूरो हास्पिटल में लावारिस अवस्था में रहने का मामला को उन्होंने गंभीरता से लेते हुए सामाजिक कार्यकर्ता श्री मिश्रा ने सुपौल जिला के पत्रकार , सामाजिक कार्यकर्ता सहित ग्रामीणों से लगातार संपर्क बनाए रखा। मामला सुलझाना काफी पेचीदा था क्योंकि  मृतक का पिता नारायण मंडल गांव से भी गायब थे ।कई जगह से निराशा हाथ लगने के बाद पूर्व परिचित सुपौल की सामाजिक कार्यकर्ता दीपिका झा को घटना की पूरी जानकारी दिया । दीपिका घटना को गंभीरता से लिया और मृतक के गांव जाकर ग्रामीणों से लगातार बातचीत और काफी मसक्कत के बाद शव लेने से तैयार किया । हालांकि ग्रामीण ने स्पष्ट कर दिया कि वह किसी हालत में अस्पताल तो दूर नेपाल  प्रवेश नहीं करेंगे 

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इस दौरान श्री मिश्रा अस्पताल प्रबंधक व ग्रामीण, दीपिका से बातचीत कर किसी हालत में  ग्रामीण को डेड बॉडी सौप दाह संस्कार का कार्यक्रम संपन्न हेतु  प्रयासरत रहे । काफी माथापच्ची के बाद ग्रामीण एंबुलेंस और एक अन्य वाहनों के साथ जोगबनी पहुचें जिन्हें रेलवे प्रांगण रख दीपिका को लेकर अस्पताल पहुंचे । श्री मिश्रा के अनुसार इससे पूर्व हुए सहमति अनुसार अस्पताल प्रबंधक सभी बकाया को माफ कर  अन्य प्रक्रिया पूरा किया । डेड बॉडी अस्पताल का एंबुलेंस लेकर जोगबनी रेलवे प्रांगण पहुंचा । रेलवे प्रांगण में रखे त्रिवेणीगंज से आए एम्बुलेंस में डेड बॉडी को डाल ग्रामीण के हवाले किया तथा दीपिका भी ग्रामीण के साथ त्रिबेनीगंज के लिए रवाना हुई और देर रात ही उसका दाह संस्कार कर दिया गया। इस नेक काम के लिए सामाजिक कार्यकर्ता द्वय को सीमावर्ती क्षेत्र के अनेक लोगो ने बधाई दे रहे है ।

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