पूर्णिया/सिटीहलचल न्यूज़
नगर निकाय चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आरक्षण की पुरानी व्यवस्था पर चुनाव कराये जाने का आदेश आने के बाद मेयर और डिप्टी मेयर के उन तमाम दावेदारों की उम्मीदें फिलहाल धराशायी हो गई हैं जो नये आरक्षण की प्रत्याशा में पिछले कई महीनों से चुनावी कवायद में जुटे हुए हैं. हालांकि पुराने फार्मूला पर चुनाव कराने का आयोग का यह आदेश फिलहाल पार्षदों के लिए है पर दावेदारों के बीच संशय की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. यही वजह है कि निगम के इन पदों के लिए अलग-अलग अपनी दमदार दावेदारी दिखाने वालों की चिन्ता बढ़ गई है
गौरतलब है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य के 248 नगर निकायों में आरक्षण की पुरानी व्यवस्था के तहत चुनाव कराने का आदेश दिया है. प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन अधिकारी को भी इस संबंध में पत्र जारी किए गये हैं. इस पत्र के मुताबिक इनमें से 172 नवगठित, उत्क्रमित या क्षेत्र विस्तारित नगर निकाय हैं, जबकि 10 यथास्थिति वाले नगर निकाय हैं और इसमें पूर्णिया नगर निगम भी शामिल है. पूर्व में गठित नगर निकायों में कुल 62 पार्षदों के आरक्षण में बिहार नगरपालिका अधिनियम-12 (दो क्रमिक निर्वाचन) के अनुसार कोई बदलाव नहीं किया गया है
भेजे गये पत्र में कई गाइडलाइन भी दिए गये हैं. इसके तहत मौजूदा नियमों के आधार पर ही आरक्षण तय किए जाएंगे. मेयर और डिप्टी मेयर जैसे पदों के लिए अलग से निर्देश जारी किए जाने का भी जिक्र किया गया है.दरअसल, मेयर और डिप्टी मेयर के लिए सीधा चुनाव कराये जाने की घोषणा के बाद से इन दोनों पदों के लिए पूर्णिया में कई उम्मीदवार चुनाव लड़ने की तैयारी में थे. मगर निर्वाचन आयोग ने सभी के मंसूबे पर पानी फेर दिया.वही आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट क्या स्टैंड लेता है यह भी देखने वाली बात होगी.