पूर्णिया/सिटीहलचल न्यूज़
अक्सर अपने देखा होगा सड़क बनाते समय अगर कोई भूमि नहीं देता है तो वहाँ से मोड़कर सड़क का निर्माण हो जाता है। सड़क कही कही ऊपर नीचे भी बनता है पूरा समतल सड़क निर्माण नहीं होता। मगर जब कोई एयरपोर्ट निर्माण होता है तो भूमि का नक्शा, लोकेशन, प्रोफाइल सभी मैच किया जाता है। और रनवे की भूमि भी उड़ान के हिसाब से होनी चाहिए। पूर्णियाँ में एयरपोर्ट निर्माण हेतु जो भूमि अधिग्रहण किया गया है उस भूमि पर कभी एयरपोर्ट का निर्माण हो ही नहीं सकता है। यही वजह है कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने जमीन को ओवरटेक करने से मना कर दिया है। और इस तरह अब पूर्णिया में एयरपोर्ट का निर्माण अधर में लटक गया है, या यूं कहें की अब पूर्णिया में एयरपोर्ट का निर्माण होगा ही नहीं। जब पूर्णिया एयरपोर्ट निर्माण की घोषणा हुई थी उस वक़्त दरभंगा और देवघर में एयरपोर्ट निर्माण का कोई चर्चा भी नहीं था। वही यहाँ का निर्माण अधर में रह गया और पूर्णिया के आसपास एयरपोर्ट का निर्माण हो गया। अब एयरपोर्ट निर्माण कोई बस टर्मिनल तो है नही जो सभी जिला में इसका निर्माण हो। अब पास के जिलों में निर्माण हो जाने से अब यहाँ निर्माण संभव नहीं है।
बिहार में पूर्णिया एयरफोर्स स्टेशन से मालूम हो कि पूर्णिया सिविल एयरपोर्ट की शुरुआत की योजना 2014 के लोकसभा चुनाव के समय की योजना है, जो प्रधानमंत्री के द्वारा घोषित बिहार पैकेज का महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। एयरपोर्ट का सपना दिखाकर 2019 का लोकसभा चुनाव संपन्न हो गया अब 2024 का लोकसभा चुनाव बिल्कुल नजदीक है। ऐसे में फिर पूर्णिया एयरपोर्ट के नाम पर राजनीति शुरू होगी।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने जमीन टेकओवर से किया मना
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष द्वारा बिहार के मुख्य सचिव को दिनांक 14.07.2022 को पूर्णिया एयरपोर्ट के बाबत पत्र लिखा है। बिहार सरकार का सिविल एविएशन डिपार्टमेंट द्वारा जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल एयरपोर्ट के एयरपोर्ट डायरेक्टर को प्रेषित 27.06.2022 के पत्र के माध्यम से पूर्णिया में प्रस्तावित सिविल एन्क्लेव के लिए अधिग्रहित 52.18 एकड़ भूमि को टेक ओवर करने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से अनुरोध किया था। आपको बता दे कि काफी संघर्ष के बाद माननीय पटना उच्च न्यायालय के निर्देशों के बल पर पूर्णिया सिविल एयरपोर्ट के सिविल एंक्लेव के लिए वर्षों से चल रही 52.18 एकड़ भूमि के अधिग्रहण की सभी प्रक्रियाएं पूरी हुई थी।
अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पूर्णिया सहित कोसी सीमांचल के लोगों में आस जग गई थी कि अब एयरपोर्ट का निर्माण बहुत जल्द हो जाएगा। मगर गलत तरीके से भूमि अधिग्रहण करने की वजह से अब यह अधर में लटक गई।