पूर्णिया में 15 अगस्त नहीं बल्कि 14 अगस्त को ही फहराया जाता है झंडा

 

पूर्णिया/विकास कुमार झा

संपूर्ण देश में इस वर्ष आजादी का 75 साल पूर्ण होने पर प्रधानमंत्री के आह्वान पर अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता से अपील की है इस अमृत महोत्सव के अवसर पर घर घर तिरंगा लहराए।

वही पूर्णिया शहर का झंडा चौक एक ऐसा चौक है जहां प्रतिवर्ष 14 अगस्त की रात्रि में ही झंडोत्तोलन होता है। इस अवसर पर भारी संख्या में शहर के स्त्री पुरुष और बच्चे बच्चियां एकत्रित हो कर और राष्ट्रीय गान गाकर तथा भारत माता की जय का नारा  का उद्घोष अपनी राष्ट्रीय भावनाओं को प्रकट करते हैं लगेगा अपनी राष्ट्रीयता का दिग्दर्शन कराते हैं

ज्ञातव्य है कि पूरे हिंदुस्तान में सिर्फ दो ही स्थान पर 14 अगस्त की रात्रि झंडोत्तोलन कार्यक्रम किया जाता है, उसमें एक है बाघा बॉर्डर दूसरा है, पूर्णिया शहर का झंडा चौक, इन दोनों स्थानों पर 12:00 बज के 1 मिनट पर झंडोत्तोलन का कार्यक्रम किया जाता है। बताया जाता है कि जिस वक्त देश को आजादी मिली थी। उस समय पूर्णिया के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी एवं वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद सिंह, डॉक्टर नरसिंह नारायण सिंह, जय सिंह, पटेल राम, रतन लाल साह समसुल हक, मानिक घोष आदि झंडा चौक पर शतरंज ताश खेल रहे थे।

उसी समय रेडियो पर भारत के आजादी की सूचना लॉर्ड माउंटबेटन द्वारा की गई है सुनने के बाद वहां उपस्थित आजादी के दीवानों ने आनन-फानन में चौक पर झंडा  फहारा दिया शंख ध्वनि करती हुई आसपास की महिलाएं वहां एकत्रित हो गई। शंख ध्वनि के साथ साथ घंटी भी बजने लगी आरती उतारी जाने लगी। उस दिन से प्रत्येक वर्ष 14 अगस्त की रात्रि 12:01 पर किस स्थान पर झंडोत्तोलन का काम किया जाता है। वर्तमान समय मे स्वर्गीय रामेश्वर सिंह के पुत्र विपुल कुमार सिंह झंडा फहरा रहे है। भूतपूर्व विधायक कमल देवास जिला समाजसेवी दिलीप कुमार दीपक दिनकर स्नेही रंजीत कुमार साह सुदेश कुमार सिंह आदि भी इस स्थान पर झंडा फहरा चुके हैं।

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